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कला, संस्कृति आ सभ्यता के अनमोल धरोहर जवना के सरकार भारत वापिस ले आइल

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हिंदुस्तान कला, संस्कृति अउर धरोहरन के देश ह। एही धरोहर के लालिच विदेशी आक्रांतन के भारत ओर अइले खातिर मजबूर कइलस। केहू लूटपाट कइल तो केहू मूल्यवान समानन के चोरी में लाग गइल। लूट के कुछ लोग ओके अपने देस ले गइल। रिसर्चन में बतावल गइल रहे कि ऊ मूर्ती अउर बेसकीमती सामान सब अजुओ उहवाँ के संग्रहालयन में धइल बा। आजादी के बादो एह धरोहरन के भारत में लेअवल खातिर तत्कालीन सरकार कौनो दिलचस्पी नाइ लेहल। नेहरू जी त टूटल फूटल मन्दिरो के जीर्णोद्धार करवलें के पच्छ में नाइ रहनें।
लेकिन स्थिति बदलल। आजु वर्तमान के मोदी सरकार ओही धरोहरन के वापिस हिंदुस्तान लेअवले के प्रयास में लागल बिया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी एगो अइसन नीति के बढ़ावा देहनें जेसे भारत के आपन बिल्लाइल, चोरा लेहल गइल सांस्कृतिक विरासतन के वापिस पवले के मौका मिलल। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी० किशन रेड्डी राज्यसभा में पूछल गइल एगो सवाल के लिखित जवाब देत बतवनें कि मोदी सरकार के कार्यकाल के 7 बरिस में भारत से चोरी भइल 75 फीसदी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत के वापिस देस में लाइल गइल बा।

आईं जानल जा कुछ मुख्य धरोहर के बारे में

आठवीं सदी के योगिनी के प्राचीन मूरत
बनारस में कनाडा से वापिस लावल गइल मां अन्नपूर्णा के प्रतिमा के बाद अब आठवीं सदी के योगिनी के प्राचीन मूरत सौ बरिस बाद बुंदेलखंड लावल जाए वाली बा। एह मूरत के करीब सौ बरिस पहिले बांदा के लोहारी गांव से लंदन पहुंचवा देहल गइल रहे, जेके अब उहवाँ के सरकार वापिस कइलस अउर भारतीय उच्चायोग मूरत के वापिस भारत लेअवले की जानकारी दे देहले बा।
तृष्णा योगिनी वृषानन के मूरत
चित्रकूट के लोखारी गांव में दुर्लभ तृष्णा योगिनी वृषानन मूरत रहल। इहवाँ के मूरत इंग्लैंड के जरिए फ्रांस पहुंचल रहे। अतर्रा के पुनाहुर गांव के मूल निवासी अउर अखिल भारतीय बुंदेलखंड विकास मंच के सचिव नसीर अहमद सिद्दीकी के पैरवी से एह मूरत के 2019 में भारत लेआवल गइल, जौन आजु नेशनल म्यूजियम दिल्ली में रखल गइल बा।

हालाँकि विदेसन में चोरी से भेजल गइल राज्य के मंदिरन के मूरत के वापिस पवले खातिर राज्य के कोसिस पs आस्ट्रेलिया अउर अमेरिका निराशाजनक प्रतिक्रिया देहले बा। एह दूनो देसन के निजी संग्रहालयन में राज्य के मंदिरन से चोरा के तस्करी कके ले गइल प्राचीन पुरातत्व महत्व के मूर्तियन के संख्या सबसे बेसी बा। 2016 मे एह देसन से 7 गो प्राचीन मूरत राज्य के लग्गे वापिस आइल रहे।

धेयान देवे आला बात ई बा कि जून 2016 में होमलैंड सिक्योरिटी एक दर्जन मूरत लौटवले रहे जेमें राज्य के 12वीं सदी के संत मणिक्कवसागर अउर 1000 साल पुरान गणेश जी की प्रतिमा रहल। ई सब मूरत अरियलूर जिला के श्रीपुरुंडन गांव के मंदिरन से चोरावल गइल रहल। ऐसे पहले भूदेवी अउर चक्रतलैवर ल मूरत वापिस लौटावल गइल रहे।

करीब एक दशक पहिले तमिलनाडु के एगो मंदिर से चोरावल गइल भगवान हनुमान की 500 बरिस पुरान मूर्ति के जल्दिये भारत वापिस लेआवल जाई। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी० किशन रेड्डी अपने ट्विटर से घोषणा कइनें कि मूरत के यूएस होमलैंड सिक्योरिटी लौटा देहले रहे अउर ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग (आईएचसी) के भारत वापिस लाए खतिर सउप देहले रहे।

एही तरे एगो कांसा के मूरत जौन भगवान हनुमान के 14 वीं शताब्दी ल मूरत बा अउर विजयनगर काल के बा।। एकर खोज ऑस्ट्रेलिया के एगो खरीदार कइले रहल। हालांकि, न्यूयॉर्क में बनल नीलामी आला घर, संगही खरीदार के मूर्ति के विरासत मूल्य के साथे-साथे एह बात के पता नाइ रहल कि ई चोरी हो गइल बा।

ई त कुछ बानगी ह। अइसन न जाने केतना मूरत जौन चोरन अउर बैपारियन के हाथे बिदेस में चल गइल रहल, ओके फिर से ले आ के आवे आला पीढ़ी के अपने गौरवशाली इतिहास से परिचित करवले के सरकार के प्रयास सही में निम्मन बा अउर बड़ाई के लाएक बा।

– कुमार आशू
स्त्रोत – तमाम पत्र-पत्रिका अउर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के दस्तावेज

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