Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

अब PK के मिशन, बिहार में बदलाव: प्रशांत किशोर बोलले- 30 साल से लालू-नीतीश के राज,बदलाव ला 3 हजार किमी पदयात्रा करेम

267

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बियफे के प्रेस कॉन्फ्रेंस कइले आ साफ संकेत देले कि ऊ पॉलिटिक्स में एंट्री करिहे। पीके कहले कि बिहार में बदलाव आ नाया सोच के जरूरत बा। ऊ कवनो पार्टी के ऐलान ना कइले, बाकिर आपन प्लान बतवले, कहले कि पिछला कुछ दिनन में समाज के हर तबका से बात भइल बा ऊ बिहार में नाया सोच, बदलाव आ सुराज के हिमायती हवे।

पीके बोलले कि ऊ अगिला 3-4 महीनन में 3 हजार किलोमीटर पदयात्रा करिहे। एकर शुरुआत चंपारण से होई। करीब 17 हजार लोगन से बात करिहे। अगर ज्यादातर लोग सुराज आ नाया सोच के पक्ष में रहत बा आ कवनो राजनीतिक पार्टी के ऐलान के जरूरत पड़त बा तs ओकर ऐलानो कइल जाई। ऊ कहले कि ई पार्टी प्रशांत किशोर के ना होई।

बिहार में बदलाव के लिए नई सोच की जरूरत।

लालू-नीतीश के राज में बिहार पिछड़ल

प्रशांत किशोर कहले कि बिहार आज लालू आ नीतीश के 30 साल के राज के बादो बिहार देश के सबसे पिछड़ल आ सबसे गरीब राज्य हs। एह सच्चाई के केहु झुठला नइखे सकत। स्वास्थ्य, शिक्षा सहित कइयन गो मानक पs बिहार आजुओ देश के सबसे निचला पायदान पs बा। बिहार जदि आवे आला समय में अग्रणी राज्यन के सूची में आवल चाहत बा तs एकरा ला नाया सोच आ नाया प्रयास के जरूरत बा।

बिहार गलत रस्ता पs बा 

प्रशांत किशोर कहले कि आवे आला 10 से 15 साल में अगर बिहार में बदलाव ले आवे के बा तs जवना रस्ता पs बिहार चल रहल बा ओसे नइखे पहुंचल जा सकत। एकरा ला नाया सोच आ नाया कोसिसन के जरूरत बा। कवनो आदमी ई दावा नइखे कर सकत कि ई सोच आ नाया प्रयास के क्षमता कवनो एक आदमी के लगे बा । बिहार के हर नागरिक के आगे अइला के जरूरत बा तब जाके प्रदेश के इस्थिति सुधरी।

लालू और नीतीश के 30 साल के राज में बिहार पिछड़ा।

 

17 हजार से बेसी लोगन से मिले के तइयारी 
प्रशांत किशोर कहले कि हम पिछिला दिनन में समाज के हर तबका से बात कइले बाड़े। करीब 150 लोग से हमार चरचा भइल। एमे से ज्यादातर लोग चाहत बा कि बिहार में नाया सोच आ बदलाव आवे। आवे आला 3-4 महीनन में बिहार के करीब 17 हजार लोगन से बातचीत करेम। सुराज आ नाया सोच के बारे में ओह लो से चरचा होई। चंपारण से 3 हजार किलोमीटर यात्रा करेम। जदि एह यात्रा में ज्यादातर लोग सुराज आ नाया सोच के बात पs हामी भरलस आ लागल कि कवनो पॉलिटिकल पार्टी के ऐलान के जरूरत बा तs तो ओकरो ऐलान कइल जाई।

जाति ना समाज के जोड़ेम 

पीके कहले कि कई लोगन के मानल बा कि बिहार में खाली जाति के आधार पs वोट मिलेला। हम जाति ना बलुक समाज के सब लोगन के जोड़े के कोशिश कर रहल बानी। हम कोरोना के खतम होखला के इंतजार करत रहनी ताकि कवनो नाया योजना पs काम कs सकीं। जदि हम कोरोना के दौरान यात्रा के शुरुआत करती तs लोग हमरा पs सवाल खड़ा करीं।

मुझे पॉलिटिकल एक्टिविस्ट के तौर पर देखें

जदि राजनीतिक पार्टी के ऐलान भइल तs ऊ प्रशांत किशोर के पार्टी ना होई। ऊ ओह लोगन के पार्टी होई,  जे बिहार में बदलाव, सुराज आ नाया सोच के बात के समर्थन करत बा। अभी कवनो पार्टी नइखे आ ना कवनो मंच। रउआ हमरा के बिहार में एगो पॉलिटिकल एक्टिविस्ट के तौर पs देख सकत बानी। हमार नीतीश कुमार से कवनो निजी मतभेद नइखे। नीतीश कुमार दिल्ली आवेले आ लोग कहे लागेला कि हम जदयू जॉइन करेम। बाकिर, ई खाली अफवाह बा।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.