अब मोबाइल लेके DDU VC से मिले पs रोक: पुलिस अफसरन के बाहर रखवावल गइल मोबाइल, कर्मचारियन के ना देके चौकी इंचार्ज खुद ले लेलें

Khabar Bhojpuri Admin

गोरखपुर: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के नया कुलपति प्रो. पूनम टंडन के नया नियम सनीचर के गोरखपुर पुलिस पs ओह घरी भारी पड़ गइल, जब पहिले से अप्वाइंटमेंट लेके कुलपति से मिले पहुंचल सीओ कैंट IPS मानुष पारिख, इंस्पेक्टर कैंट रणधीर मिश्रा आ विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज से DDU कर्मचारी मोबाइल बाहर जमा कs के अंदर जाए के कह दिहल लो।

कुलपति के चेंबर के बाहर मवजूद स्टॉफ नया नियमन के हवाला देके पुलिस अफसरन के मोबाइल बाहर रखे के कह दिहल। जेमे ओह लोगन के पर्सनल मोबाइल के अलावे CUG मोबाइलो सामिल रहे। DDU कर्मचारियन के मुंह से मोबाइल बाहर रखके अंदर जाये के बात सुनतही पुलिस अफसर सोच में पड़ गइल लो। सभे एक दूसरा के मुंह देखे लागल। अफसरन के माथा पs पड़ले लकीर देख विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज समझ गइलें। ऊ DDU कर्मचारियन के अफसरन के मोबाइल देला के बजाय खुद ले लेलें। जबकि, ऊ खुद अंदर ना गइलें।

यूनिवर्सिटी में होत रहल चरचा 

एह दौरान उहां मवजूद लोग ई सबकुछ देख हैरान रह गइल। सीओ आ इंस्पेक्टर के कुलपति के चेंबर में अंदर जातही ई बात पूरा यूनिवर्सिटी कैंपस में आग के तरे फइल गइल। पूरा दिन ई चरचा बनल रही रहल कि पुलिस अफसन, खास कs के IPS से मोबाइल कइसे जमा करावल जा सकत बा। उहो CUG माने कि सरकारी फोन। जवना पs विभाग के अफसरन के संगही क्राइम आ घटना से जुड़ल सूचनाएं कबो आ सकत बा।

दीक्षांत के तइयारियन के जायजा लेवे पहुंचल रहे लो पुलिस अफसर

दरअसल, 18 सितंबर के DDU में आयोजित 42 वां दीक्षांत के तइरिरी चल रहल बा। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत तमाम बड़ गेस्ट सामिल होई लो। अइसन में सनीचर के सबेरे 11.30 बजे तइयारियन के जायजा लेवे सीओ, इंस्पेक्टर आ चौकी इंचार्ज पहुंचल रहे लो। सबकुछ देखला के बाद चौकी इंचार्ज कुलपति दफ्तर पहुंचकर अफसरन के मिले के अप्वाइंटमेंट लेलें। एकरा बाद पुलिस अफसर मिले पहुंचल रहे लो।

सभे के बाहर रखके आवे के होई मोबाइल

कुलपति प्रो. पूनम टंडन बतवली कि, ”आज से यूनिवर्सिटी में कुछ नया नियमन के सुरूआत कइल गइल बा। मुलाकात खातिर पर्ची सिस्टम लागू कइल गइल बा। संगही मोबाइल लेके मिले आवे वालन पs पूरा तरे से रोक लगा दिहल गइल बा। हमरा से मिले आवे वालन के चेंबर के बाहर मोबाइल रखके आवे के होई, चाहे ऊ कवनो अफसर होखे भा मीडिया के लोग। नियमन के कड़ाई से पालन करावल जा रहले बा।”

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