महाकुंभ हिन्दू धर्म के मुख्य धार्मिक आयोजन में से एगो हs। एकरा के दुनिया के सबसे बड़ धार्मिक मेला कहल गलत ना होई। प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो गइल बा. खुद अमृत स्नान के दिन लगभग 3 करोड़ 50 लाख लोग त्रिवेणी संगम पहुंचल रहले। अब अगिला अमृत स्नान (शाही स्नान) 29 जनवरी के होई आ ओकरा बाद 3 फरवरी के अमृत स्नान होई। अगर रउआ भी महाकुंभ में डुबकी लगवले बानी भा डुबकी लगावे वाला बानी तs घरे अइला के बाद कुछ काम जरूर करीं। महाकुंभ के धार्मिक तीर्थ यात्रा के बाद इs सब काम कईला से आपके सौभाग्य अवुरी सुख अवुरी समृद्धि मिली।
महाकुंभ से लौटले के बाद घर में करीं इs काम
1-महाकुंभ के धार्मिक तीर्थयात्रा से घरे लवटत घरी सत्यनारायण कथा भा भजन कीर्तन के आयोजन घर में करे के चाहीं. अयीसन कईला से महाकुंभ से मिलेवाला आध्यात्मिक ऊर्जा भी आपके घर में प्रवेश करेले। एह से घर के परिवेश शुद्ध हो जाला आ साथ ही साथ राउर सौभाग्य भी बढ़ेला।
2-कवनो धार्मिक यात्रा के बाद दान कईल बहुत शुभ मानल जाला। महाकुंभ से लवटला के बाद भी रउरा सभे के बेसी से बेसी दान जरूर करीं। एह से मानसिक संतुष्टि मिलेला आ देवी-देवता भी खुश हो जाले।
3-मानल जाला कि महाकुंभ में नहा के आदमी के पुरखा के भी मोक्ष मिलेला। अइसना में जब महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगा के घरे लवटत बानी तs पुरखा लोग खातिर तर्पण भा दान जरूर करीं. अइसन कइला से रउरा पितृदोष से मुक्ति मिल जाला आ राउर सौभाग्य बढ़ जाला.
4-महाकुंभ के दौरान प्राचीन आ सिद्ध मंदिरन के भी देखे के मौका मिलेला। एह दौरान मंदिर से प्रसाद भी मिलेला। मानल जाला कि महाकुंभ से ले आइल एह प्रसाद के रउरा अपना परिवार के लोग में बाँटे के चाहीं आ अपना करीबी लोग के भी देबे के चाहीं. अयीसन कईला से देवी-देवता के भी भोजन दान होखे के चाही। रउआ ब्राह्मण के खाना खिया सकेनी, कवनो मंदिर में अनाज दान कs सकेनी। दान कइले से धार्मिक यात्रा के शुभ परिणाम मिलेला।
अस्वीकरण : इहाँ दिहल जानकारी धार्मिक आस्था आ लोक मान्यता पs आधारित बा। एकर कवनो वैज्ञानिक प्रमाण नइखे मिलल. खबर भोजपुरी एह बात के सच्चाई के सबूत नईखे देत।