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निकाय चुनाव : 2017 में भइल ओबीसी सर्वे के मानल जाव आधार, सरकार उपलब्ध करवलस जवाबी हलफनामा, सुनवाई आज

रंजन कुमार हलफनामा में कहलें कि ट्रांसजेंडर्स के चुनाव में आरक्षण नइखे दिहल जा सकत। निकाय चुनाव से जुड़ल याचिका पs हाईकोर्ट के लखनऊ पीठ में मंगर के सुनवाई होई। सब पक्ष सरकार के जवाब पs प्रतिउत्तर दाखिल करी। आज सुनवाई बा।

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स्थानीय निकाय चुनाव ममिला में प्रदेश सरकार कहलस कि 2017 में भइल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे के आरक्षण के आधार मानल जाये। हाईकोर्ट में दायर याचिका के पक्षकारन के सोमार के उपलब्ध करावल गइल जवाबी हलफनामा में सरकार कहले बिया कि एही सर्वे के ट्रिपल टेस्ट मानल जाये।

शहरी विकास विभाग के सचिव रंजन कुमार हलफनामा में कहलें कि ट्रांसजेंडर्स के चुनाव में आरक्षण नइखे दिहल जा सकत। निकाय चुनाव से जुड़ल याचिका पs हाईकोर्ट के लखनऊ पीठ में मंगर के सुनवाई होई। सब पक्ष सरकार के जवाब पs प्रतिउत्तर दाखिल करी। पिछला सुनवाई में हाईकोर्ट सरकार से पूछले रहे कि कवना प्रावधानन के तहत निकायन में प्रशासकन के नियुक्ति कइल गइल बा। एह पर सरकार कहलस कि 5 दिसंबर, 2011 के हाईकोर्ट के फैसला के तहत एकर प्रावधान बा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ पीठ पहिला स्थानीय निकाय चुनाव के अंतिम अधिसूचना जारी करे पs 20 दिसंबर तक रोक लगा देले रहे संगही राज्य सरकार के आदेस देले रहे कि 20 दिसंबर तक बीतल 5 दिसंबर के जारी अनंतिम आरक्षण के अधिसूचना के तहत आदेस जारी ना करे। कोर्ट ओबीसी के उचित आरक्षण के लाभ देहल जाये आ सीटो के रोटेशन के मुद्दन के लेके दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करत ई आदेस दिहल गइल रहे। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय आ न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव के खंडपीठ ई आदेश रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय आ आउर लोगन के जनहित याचिकन पs देले रहे।

याचिका में ओबीसी आरक्षण आ सीटन के रोटेशन के मुद्दा उठावल गइल

जनहित याचिका में निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के उचित लाभ दिहल जाये आ सीटन के रोटेशन के मुद्दा उठावल गइल बा। याचियन के कहनाम बा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला के तहत, जब तक राज्य सरकार तिहरा परीक्षण के औपचारिकता पूरा नइखे करत तब तक ओबीसी के कवनो आरक्षण नइखे दिहल जा सकत। राज्य सरकार अइसन कवनो परीक्षण नइखे कइले। इहो दलील दिहल गइल बा कि ई औपचारिकता पूरा कइले बिना सरकार पिछिला 5 दिसंबर के अनंतिम आरक्षण के अधिसूचना के तहत ड्राफ्ट आदेस जारी कs देलस। एसे ई साफ बा कि राज्य सरकार ओबीसी के आरक्षण देवे जा रहल बिया। संगही सीटन के रोटेशनो नियमानुसार कइल जाये के गुजारिश कइल गइल बा। याची एह कमियन के दूर कइला के के बादे चुनाव के अधिसूचना जारी कइल जाये के आग्रह कइलें। ओने, सरकारी वकील ई कहत एह याचिका के विरोध कइले रहस कि 5 दिसंबर के सरकार के अधिसूचना खाली एगो ड्राफ्ट आदेस हs। जवना पs सरकार ने आपत्ति मंगले बिया। अइसन में एहसे व्यथित याची आ आउर लोग एह पs आपन आपत्तियन के दाखिल कs सकत बा। एह तरे अभी ई याचिका समय से पहिले दाखिल कइल गइल बा।

अइसे होला रैपिड सर्वे

रैपिड सर्वे में जिला प्रशासन के देखरेख में नगर निकायन द्वारा वार्डवार ओबीसी वर्ग के गिनती करावल जाला। एकरे आधार पs ओबीसी के सीटन के निर्धारण करत एकरा खातिर आरक्षण के प्रस्ताव तइयार कs के शासन के भेजल जाला।

ट्रिपल टेस्ट

नगर निकाय चुनावों में ओबीसी के आरक्षण निर्धारित करे से पहिले एगो आयोग के गठन कइल जाई, जवन निकायन में पिछड़ापन के प्रकृति के आकलन करी। एकरा बाद पिछड़न खातिर सीटन के आरक्षण के प्रस्तावित करी। दूसरा चरण में स्थानीय निकायन द्वारा ओबीसी के संख्या के परीक्षण करावल जाई आ तीसरा चरण में शासन के स्तर पs सत्यापन करावल जाई।

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