Motivational Story in Bhojpuri: प्रेरक प्रसंग- दिखावापन से बांची
एगो आदमी के कवनो बड़ पद पs नौकरी मिल गइल। ऊ एह नौकरी से खुद के आउर बड़ समझे लागल, बाकिर ऊ कबो अपना आप के ओह बड़ पद के मोताबिक ना ढाल सकल। एक दिने ऊ अपना ऑफिस में बइठल रहे, तबे बहरी से ओकरा के दरवाजे के खटखटावे के आवाज आइल। खुद के बहुते व्यस्त दिखावे ला ऊ टेबुल पs राखल टेलीफोन के उठा लेलस आ जवन आदमी दरवाजा के बहरी खड़ा रहे ओकरा के भीतरी आवे के कहलस। ऊ भीतरी आके इंतजार करे लागल, एह बीचे कुर्सी पर बइठल अधिकारी फ़ोन पs चिल्ला-चिल्ला के बात करत रहे।
बीच-बीच में ऊ फोन पs कहे, कि हमरा के उ काम जल्दी कके दिहs, टेलीफोन पs आपन बातन के बहुत बढ़ा-चढ़ाके बतावत रहे। ओहि तरे कुछ मिनट तक बात कइला के बाद ऊ आदमी फ़ोन रखलस आ सामने वाला आदमी ओकरा ऑफिस आवे के वजह पूछलस। ऊ आदमी अधिकारी के जवाब देत कहलस, “सर, हमरा के बतावल गइल रहे कि 3 दिन से राउर एह ऑफिस के टेलीफ़ोन ख़राब बा आ हम ओह टेलीफ़ोन के ठीक करे ला आइल बानी।”
गियान:-
हमनी के कबो दिखावा ना करे के चाहीं। हमनी के दिखावा कs के का साबित कइल चाहत बानी सs, एसे हमनी के कुछो हासिल नइखे हो सकत, हमनी के केहू के सामने झूठ बोलला के का जरूरत बा! दिखावा कs के हमनी के केहुओ के नजर में कबो ऊपर नइखी उठ सकत सs। दिखावा करे से बांची काहेकि लोग पीठ पीछे राउरे बुराई करी। मुखौटा मत लगाई।
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