यूपी के एह शहर में मोमोस मचवलस हलचल, एक दिन में 500 प्लेट बिकाइल
गोरखपुर शहर के कूड़ाघाट से देवरिया जाए वाला सड़क प जब आगे बढ़ब त रामगढ़ ताल आ गुरुंग चौराहा के बीच में त्रिशय मोमो हाउस देखाई दिही। भोर होखे भा साँझ के दोकान पर अतना भीड़ बा कि अंदाजा लगा लेब कि ई दोकान त्रिशय मोमो के ह ।
कुछ समय से गोरखपुर में एगो ट्रेंड चल रहल बा जवना में मोमोस आ चौमीन जनता के जीभ प राज करे लागल बिया। लइका होखे भा बूढ़, मोमो के पागल हो गइल सभे। बाकी पछिला 14 साल से त्रिशय के मोमो के स्वाद शहर के लोग के होंठ प बा। उनकर दोकान पर सबेरे से साँझ ले भारी भीड़ बा। इनकर मोमो बनावे के तरीका आ स्वाद अइसन बा कि बूढ़ लइका समेत सभे अपना मोमो के पागल हो जाला । मोमो के संगे इनकर दोकान प उपलब्ध चटनी एतना स्वादिष्ट होखेला कि ग्राहक एकरा के बहुत उमंग से खाले।
शहर के कूड़ाघाट से देवरिया जाए वाला सड़क प जब आगे बढ़ब त रामगाढ़ ताल आ गुरुंग चौराहा के बीच में त्रिशय मोमो हाउस देखाई दिही। भोर होखे भा साँझ दोकान पर अतना भीड़ हो जाई कि अंदाजा लगा लेब कि ई दोकान त्रिशय मोमो के ह । दोकान सबेरे 11 बजे खुलेला आ रात के करीब 10 बजे तक ग्राहक के लाइन चलेला। मोमो बनावे में एगो बहुत खास तरह के मसाला के इस्तेमाल होला। मोमो के भीतर भराई खातिर सब्जी तैयार कइल जाला। साथ में चटनी भी बहुत बढ़िया बा। ग्राहक इहाँ ना सिर्फ खाना खाले बलुक एकरा के पैक क के ले जावेले। इहाँ वेज मोमो के दाम 70 रुपया प्रति प्लेट, चिकन मोमो के दाम 100 रुपया प्रति प्लेट आ पनीर मोमो के दाम 90 रुपया बा। रोज लगभग 400 से 500 प्लेट बिकाला।
काम आइल नेपाल में मोमो बनावल
शहर के कूड़ाघाट पर स्थित त्रिशय मोमो हाउस के शोभित गुप्ता एगो इंटरव्यू में कहले बाड़न कि उनकर पिता साल 2008 से मोमो के कारोबार शुरू कइले रहले । पहिले उनकर पिता महेश गुप्ता ए जगह प होटल चलावत रहले। होटल के संचालन ना होखला के चलते उनकर पिता नेपाल के भैरहवा में काम करत घरी मोमो बनावल सीखले। फेर गोरखपुर अइला के बाद होटल के जगह मोमोस हाउस शुरू कइले। पहिले उ अकेले इ दोकान चलावत रहले। बाकी आज उनका तहत करीब सात कर्मचारी काम करतारे।
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