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पीएम मोदी से मुलाकात, फिर अमित शाह से बात… यूपी भाजपा मुखिया ने बताया सब सच्चाई, बताया भविष्य की योजना

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यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के पीएम मोदी से बातचीत करीब एक घंटा तक चलल आ ओकरा बाद ऊ अमित शाह से मिले गइले। एह मुलाकात से अटकल लगावल गइल कि यूपी भाजपा में बड़हन बदलाव होखे वाला बा।

उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा में राजनीतिक उथल-पुथल के अटकलबाजी तेज बा। जेपी नड्डा से भेंट करे खातिर यूपी के उप सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दिल्ली यात्रा आ ओकरा बाद के यूपी भाजपा प्रमुख भूपेंद्र चौधरी के पीएम नरेंद्र मोदी आ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात एह अटकलन के अउरी बढ़ा दिहलस। भूपेंद्र चौधरी के पीएम मोदी से बातचीत करीब एक घंटा तक चलल आ ओकरा बाद उर अमित शाह से मिले गइले। एह मुलाकात से अटकल लगावल गइल कि यूपी भाजपा में बड़हन बदलाव होखे वाला बा। हालांकि सूत्र के हवाला से खबर बा कि उत्तर प्रदेश में नेतृत्व में कवनो बदलाव ना होई, माने कि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनल रहीहे, जबकि राज्य के मंत्रिमंडल में कुछ बदलाव हो सकता।

भाजपा से जुड़ल शीर्ष सूत्र बतवले कि पार्टी के राज्य इकाई केंद्रीय नेतृत्व के संगे एगो विस्तृत रिपोर्ट साझा कइले बिया, जवना में ऊ लोग यूपी में पार्टी के खराब प्रदर्शन खाती जिम्मेदार कारण के जिक्र कइले बाड़े। एहमें ऊ इहो बतवले कि कइसे लोकसभा चुनाव में भाजपा के वोट हिस्सेदारी में 8% के कमी आइल।

यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन के कारण

सूत्र के मुताबिक यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन के एगो कारण बतावल जाता कि प्रशासन के दबदबा के चलते पार्टी के बहुत असंतोष के सामना करे के पड़ल। चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी कार्यकर्ता अपना के अलग-थलग आ हतोत्साहित महसूस कइले। एकरा संगे-संगे जनता के नाराजगी के बावजूद क्षेत्रीय प्रभारी आ अध्यक्ष सिर्फ बईठल सांसद के टिकट देले, भलही ओ लोग के खिलाफ जन आक्रोश रहे।

एकरा अलावे जमीनी स्तर के मजदूर के उपेक्षा, थाना आ तहसील में अधिकारी के उपेक्षा, सार्वजनिक काम ना करावे आ संविधान में बदलाव आ आरक्षण के अंत जईसन भ्रामक मुद्दा के भी सूचीबद्ध कइले। फेर से टिकट मिलला के बाद सब उम्मीदवार प्रधानमंत्री मोदी पs निर्भर रह गइले, जबकि बहुत उम्मीदवार अपना अहंकार के चलते मजदूर से भी ना पूछले। एही से खिसिया के मजदूर भी घर में बईठ गइल।

सूत्र के मुताबिक रिपोर्ट में कहल गइल बा कि विधायक आ उम्मीदवार के बीच आंतरिक टकराव भी बहुत सीट पs हार के कारण बन गइल। बहुत विधायक खुद चुनाव लड़ल चाहत रहले, बाकी टिकट ना मिलला के चलते उहो विपक्ष के संगे मिल के पार्टी के उम्मीदवार के हरा देले।

एकरा संगे-संगे इहो बतावल गइल कि भाजपा के ओर से 400 पास के नारा के उल्टा असर भइल। दलित आ पिछड़ा वर्ग के एह बात के मनावे में विपक्ष सफल रहल कि भाजपा के सीट चार सौ पार हो गइल तs संविधान बदल के आरक्षण खतम कर दीहें।

भूपेन्द्र चौधरी भविष्य के योजना बतवले

एकरा संगे-संगे यूपी भाजपा प्रमुख राज्य में पार्टी के प्रदर्शन में सुधार के योजना के बारे में भी बतवले बाड़े। एहमें ऊ कहले कि पार्टी के अब सबसे बड़ प्राथमिकता स्थिति पs नियंत्रण राखे के बा। बतावल गईल कि पार्टी बड़ नेता के सामूहिक बर्खास्तगी चाहे हटावे के बहुत इच्छुक नइखे। जरूरत बा कि जमीन पs अउरी नेता के आकर्षित कइल जाए, पार्टी के कार्यकर्ता के ओर से उठावल मुद्दा के संभाले में सक्षम होखे खातीर बेहतर तंत्र बनावल जाए।

समीक्षा रिपोर्ट में कहल गइल बा कि एह बड़हन मुद्दा पर प्रशासन के दबदबा पर नियंत्रण राखे के जरूरत बा। एकरा अलावे टकराव के एक तरफ राखे के चाही आ महत्वपूर्ण मामला पs सहमति बने के चाही। साथही ओबीसी अनुसूचित जाति/जनजाति के गँवावल वोट वापस जीते खातिर कार्यक्रम के आयोजन होखे के चाहीं।

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