नई दिल्ली। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव से ठीक पहिले बीजेपी आ एकनाथ शिंदे के शिवसेना के बीच तनातनी कुछ बढ़ गइल बा। महायुति गठबंधन में सामिल दुन्नो दल एक-दूसरा के नेता लोगन के अपना पार्टी में खींचत बा, जवना से माहौल आउर गरम हो गइल बा।
एह राजनीतिक खींचातानी के बीच, राज्य सरकार में शिवसेना कोटा से मंत्री दादा भूसे के बयान सियासी तापमान आउर चढ़ा देलस। भूसे कहलें कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अइसन मुख्यमंत्री रहलें, जे जनता के दिल में बसल बा आ बहुते जल्दिये जनता उनका के फेर राज्य के कमान संभारत देखी।
एकनाथ शिंदे फेरू संभरिहें महाराष्ट्र के बागडोर: भूसे
नंदुरबार में स्थानीय निकाय चुनाव खातिर भइल रैली में शिक्षा मंत्री दादा भूसे कहलें कि आजो जदि रउआ जनता से पूछब कि ऊ लोगन के दिल के मुख्यमंत्री केहू बा, तs एके नाम आई- एकनाथ शिंदे।
भूसे दावा करत कहलें-
“चिंता मत करी, जवन किस्मत में लिखल बा, ऊ होके रही। रउआ फेर देखेम कि शिंदे महाराष्ट्र के नेतृत्व करत नजर अइहें।”
ऊ कहलें कि शिंदे अइसन मुख्यमंत्री रहलें जे देर रात तक जनता से भेट करत रहलें आ दिन भर में 20 से 22 घंटा तक काम करत रहलें।
2022 में भइल बगावत से बदल गइल राजनीति
बता दीं कि साल 2022 में एकनाथ शिंदे बगावत कइले रहलें, जवना से उद्धव ठाकरे के महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गइल। जवना के चलते शिवसेना में दु फाड़ हो गइल। 2022 से 2024 तक शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहलें।
2024 के विधानसभा चुनाव में महायुति के जीत के बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनलें, आ शिंदे के डिप्टी सीएम के पद दे दिहल गइल।







