Maharashtra: ‘चुनाव चिन्ह राजनीतिक पार्टियन के विशेष संपत्ति ना’- दिल्ली हाईकोर्ट से उद्धव ठाकरे के लागल झटका
Delhi High Court: हाईकोर्ट कहलस कि चुनाव चिन्हन के राजनीतिक दल आपन विशिष्ट संपत्ति नइखे मान सकत। कोर्ट आगे कहलस कि जदि ऊ चुनाव हार जात बा त प्रतीक के उपयोग के अधिकार खो सकत बा।
Blow to Uddhav Thackeray: दिल्ली हाईकोर्ट से उद्धव ठाकरे के बड़ झटका लागल बा। हाईकोर्ट चुनाव आयोग के फसीला के खिलाफ उद्धव ठाकरे के दायर याचिका के खारिज क देलस। दरअसल शिवसेना में भइल टूट के बाद उद्धव आ शिंदे दुनो गुटों शिवसेना प आपन-आपन दावा ठोंकले रहे। जवना के बाद चुनाव आयोग शिवसेना के नाम आ चुनाव निशान के फ्रीज करे के आदेस देले रहे। चुनाव आयोग के एही आदेश के उद्धव दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देले रहस, जवना के हाईकोर्ट खारिज क देले बा।
हाईकोर्ट कहलस चुनाव चिन्हन के राजनीतिक दल आपन विशिष्ट संपत्ति नइखे मान सकत। कोर्ट आगे कहलस कि जदि ऊ चुनाव हार जात बा त प्रतीक के उपयोग के अधिकार खो सकत बा। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा आ न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद के खंडपीठ सुप्रीम कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत निर्वाचन आयोग के फसीला के हवाला देत कहलस कि एगो प्रतीक कवनो मूर्त वस्तु ना हs आ ना ई कवनो धन उत्पन्न करत बा।
निरक्षर मतदाता लोगन के पड़ेला सिंबल के जरूरत
कोर्ट चुनाव आयोग द्वारा जारी कइल गइल चुनावी निशान के खाली निरक्षर मतदाता लोगन खातिर विशेष बतवलस। कोर्ट कहलस कि ई खाली एगो प्रतीक चिन्ह हs, जवन विशेष राजनीतिक दलन के साथे जुड़ल होला ताकि लाखन निरक्षर मतदाता लोगन ले विशेष दल से संबंधित अपना पसंद के उम्मीदवार के वोट करे में आसानी होखे। एकरा से निरक्षर मतदाता के आपन अधिकार के उचित प्रयोग करे में मदद मिलेला। कोर्ट कहलस कि संबंधित राजनीतिक दल एकरा के आपन विशिष्ट संपत्ति नइखे मान सकत।
चुनाव आयोग के ममिला सुलझावे के निरदेस
कोर्ट चुनाव आयोग के एह ममिला के जल्दी से जल्दी सुलझावे के आदेस देले बा। शिवसेना के विवाद अभी थमल नइखे। शिंदे गुट के बगावत के बाद दु धड़न में बंटल शिवसेना के चुनाव आयोग फिलहाल खातिर नया नाम आ नया चुनाव चिह्न आवंटित क देले बा आ पुरान नाम आ चुनाव निशान के फ्रीज क देले रहे। बाकिर, उद्धव ठाकरे एकरा से खुस ना भइलें। उद्धव ठाकरे के शिवसेना के पुरनका वाला चुनाव निशान (धनुष आ तीर) चाहीं, एहिसे ऊ चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ कोर्ट चल गइल रहस। हालांकि अब हाईकोर्टो से उनका झटका लागल बा।
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