खबर भोजपुरी रउरा लोग के सोझा एगो नया सेगमेंट लेके आइल बा , जवना में रउरा के पढ़े के मिली फिलिम इंडस्ट्री से जुड़ल रोचक कहानी आ खिसा जवन बितsल जमाना के रही। आजु पढ़ीं रेखा के जीवन से जुड़ल कुछ बात-
बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेत्री के जीवन के हर पहलू फिलिम के कहानी से कम नईखे। 70 आ 80 के दशक में एह इंडस्ट्री पs राज करे वाली रेखा अपना के कबो सुपरस्टार ना मानेली बलुक अपना के कलाकार मानेली. ऊ 400 से अधिका फिलिमन में काम कs चुकल बाड़ी जवना में उनुका दर्शकन के बहुते प्यार मिलल बा. बाकिर बहुते कम लोग जानत बा कि रेखा खुद उनुकर कवनो फिलिम देखल पसंद ना करेली.

रेखा के असली नाव भानुरेखा गणेशन हs। इनकर जनम 10 अक्टूबर 1954 के चेन्नई में भइल रहे। शुरू में रेखा के हिंदी बोले में दिक्कत होखत रहे। सुप्रसिद्ध तमिल स्टार जामिनी गणेशन आ तेलुगु अभिनेत्री पुप्पा पल्ली के परिवार में जनमल रेखा के पारिवारिक माहौल फिलिमी दुनिया से भरल रहे जवना के चलते ऊ तेलुगु फिलिम ‘रंगुला रत्नम’ में बाल कलाकार के रूप में काम कइली आ 1970 के फिलिम ‘सावन भादो’ से बॉलीवुड में अपना फिलिमी कैरियर के एगो नया मोड़ दिहली. अपना मेहनत, लगन, सुंदरता अवुरी अंदाज के चलते रेखा के संपूर्ण अभिनेत्री कहल जात रहे।
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रेखा के ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री
अमिताभ बच्चन के साथे उनकर ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री बहुते मजबूत रहल. हालात अइसन रहे कि रेखा आ अमिताभ 70 के दशक में सबसे हिट जोड़ी बन गइले. ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘राम बलराम’, ‘खून पसीना’ जइसन फिलिमन में दुनु जने के केमिस्ट्री बॉक्स ऑफिस पs हलचल मचा दिहलस. हालांकि एs लोग के अफेयर के लेके चर्चा भी जोर-शोर से चलत रहे। बाकिर सभ अफवाह के अनदेखी करत अमिताभ बच्चन 1973 में जया भादुरी से बियाह कs लेले। बियाह के बाद अमिताभ अवुरी रेखा के पहिला फिलिम ‘दो अजनाबी’ आईल।

1981 में रेखा के आखिरी बेर अमिताभ के साथे परदा पs फिलिम ‘सिलसिला’ में देखल गइल रहे. जवन बॉक्स ऑफिस पs सुपर डुपर हिट रहल.अमिताभ बच्चन के बियाह के बाद रेखा के एगो अलग रवैया में देखल गईल, उनुकर रवैया मुजफ्फर अली के फिलिम ‘उमराव जान’ में देखाई दिहल.
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तन्हाई रहे पसंद
रेखा जहां फिल्मी कैरियर के चरम पs रहली, उहें उs अपना निजी जीवन में पूरा तरीका से अकेला हो गईल रहली। अमिताभ से अलगा भइला के बाद उनकर बियाह विनोद मेहरा से भइल। बाकिर एकरा के मान ना पवली। 1990 में दिल्ली के व्यापारी मुकेश अग्रवाल से उनकर बियाह के खबर भी खूब फैलल रहे, बाकिर एs खबर के दौरान मुकेश के आत्महत्या के खबर भी आईल। एकरा बाद लागल कि रेखा अकेलापन के आपन जीवन साथी बना के अपना खातिर अकेला जिनिगी चुन लिहली.

रेखा के फिलिम कैरियर
रेखा आपन फिलिम कैरियर के शुरुआत साल 1966 में दक्षिण के फिलिम ‘रंगुला रत्नम’ से कइली. अपना 54 साल के लमहर फिलिमी करियर में कई गो यादगार फिलिमन में काम करे वाली रेखा के तीन बेर फिल्मफेयर अवार्ड आ एक बेर नेशनल फिलिम अवार्ड से सम्मानित कइल गइल बा. एतने ना रेखा के भारत के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित कइल गइल बा।
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रेखा के फिलिम ‘उमराव जान’ दर्शकन के बहुते पसंद आइल, एह फिलिम में उनुकर सुंदरता आ नज़ाकत दर्शकन के अतना पसंद आइल कि आजुओ उनुका के ‘उमराव जान’ के नाव से बोलावेलें. बाकिर अचरज के बात ई बा कि रेखा के खुदे ई फिलिम पसंद नइखे जवना के दर्शक अतना पसंद करत बाड़े, उनुका एह फिलिम में कुछ खास नइखे लउकत. रेखा के लागेला बा कि फिलिम ‘उमराव जान’ अतना खास ना रहल कि ओकरा खातिर राष्ट्रीय पुरस्कार दिहल जाव.
रेखा 180 से अधिका फिलिमन में काम कइली जवना में रेखा के अलग अलग रूप में देखल गइल. रेखा के आखिरी बेर साल 2007 के शाहरुख अभिनीत फिलिम ‘ओम शांति ॐ’ में देखल गइल रहे. हालांकि रेखा आजुओ फिलिमन में सक्रिय बाड़ी. बाकिर दोस्तन खातिर उनुका चुनल फिलिमन में ही नजर आवेली.