Karwa Chauth Vrat 2022: पंचांग के मोताबिक रखल जाई। करवा चौथ के व्रत सुहागिन महिला लो अपना पति ले लमहर उमिर खातिर रखेला लो। महिला लो करवा चौथ के दिन कठिन उपवास रखेला लो आ चांद के निकलला तक पानी के एगो बूंद ग्रहण ना करेला लो। दिन भर व्रत रखला के बाद रात में चौथ के चांद देखला के बाद चलनी में मरद के चेहरा देख के महिला लो व्रत के पारण करेला। एह व्रत के अपना सुहाग खातिर दीर्घायु आ दांपत्य जीवन में खुशहाली प्रदान करे वाला मानल गइल बा, एहिसे बियहल महिला लोगन के द्वारा एह व्रत रखे के विधान बा। ओइसे त ई व्रत सुहागिन महिला लोगन द्वारा करे के विधान बा, बाकिर कइयन बेर लोगन के मन में ई प्रश्न आवेला कि का अविवाहित लईकी लो एह करवा चौथ व्रत कर सकेला कि ना। आई जानल जाव एह सवाल के जवाब…
ज्योतिष लोगन के मानल जाव त अविवाहित लईकी लो अपना मंगेतर भा प्रेमी जेकरा के ऊ आपन जीवन साथी मान चुकल बा लो, ऊ लोग करवा चौथ के व्रत राख सकेला लो। मान्यता बा कि ओह लो के करवा माता के आशीष प्राप्त होला। बाकिर कुंवार कन्या खातिर करवा चौथ व्रत आ पूजन के नियम अलग-अलग होला, एहिसे जदि आप अविवाहित बा आ करवा चौथ के व्रत कइला चाहत बा लो, त सबसे पहिले एह बातन के बारे में जान लेहल जरूरी बा।
अविवाहित लईकी करवा चौथ व्रत में एह बातन के राखीं धेयान
जदि कवनो कुंवार लईकी करवा चौथ के व्रत रख जा रहल बा त निर्जला व्रत कइला के बजाए निराहार रहके व्रत क सकत बा। ज्योतिष के मोताबिक, कुंवारी कन्या खातिर निर्जला व्रत रखला के कवनो बाध्यता नइखे, काहेकि ओह लो के सरगी आदि ना मिल पावत बा।
अइसे त एह व्रत में भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय आ चंद्रमा के पूजन कइल जात बा। बाकिर कुंवारी कन्या के करवा चौथ के व्रत में खाली माई करवा के कथा सुने के चाहीं आ भगवान शिव अउरी माता पार्वती के पूजन करे के चाहीं।
कुंवार लईकी लो तारन के देखके अर्घ्य दे सकत बा आ बरत के पारण क सकत बानी। मान्यता के मोताबिक, चंद्रमा के अर्घ्य देवे के नियम खाली सुहागिन महिला लो खातिर बा। एकरा अलावे अविवाहित लईकी लो के चलनी के प्रयोग करे के कवनो बाध्यता नइखे। बिना छलनी के तारन के देखके अर्घ्य दे सकत बा लो आ व्रत के पारण क सकत बा लो।