Jio आ Airtel के उड़ गईल नींद! भारत में धमाल मचावे आ रहल बा Elon Musk के सैटेलाइट इंटरनेट
एलन मस्क के Starlink जल्दिए भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कs सकेला। DoT के अधिकारी के कहनाम बा कि 20 सितंबर के होखे वाला बैठक में इ तय होई कि स्टारलिंक के भारत में लाइसेंस देवे के अनुमति दिहल जाई कि ना।
खबर बा कि एलन मस्क के Starlink बहुत जल्दी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू क सकता। एगो रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार विभाग (डीओटी) के अधिकारी के कहनाम बा कि 20 सितंबर के होखेवाला बैठक में इ फैसला होई कि Starlink के भारत में लाइसेंस देवे के अनुमति दिहल जाई कि ना। ई सेवा 32 गो देशन में पहिलहीं से उपलब्ध बा आ वैश्विक स्तर पs दिहल जाला। संचार ब्लैकआउट के दौरान यूक्रेन में भी एकर सेवा के अहम भूमिका रहल बा।
स्टारलिंक के वेबसाइट पs लिखल इ बात
पछिला साल स्टारलिंक भारतीय दूरसंचार विभाग (डीओटी) के संगे ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन वाया सैटेलाइट (जीएमपीसीएस) लाइसेंस खातीर आवेदन कईले रहे। 2021 में स्टारलिंक भारत में प्री-बुकिंग चैनल शुरू कइलस। सरकार प्री बुकिंग चैनल के स्थिति में बंद करे के मजबूर क देलस अवुरी एकरा के चलावे खातीर लाइसेंस के जरूरत पड़ी। स्टारलिंक के आधिकारिक वेबसाइट अबहियो जानकारी देत बिया कि ऊ लोग ‘रेगुलेटरी अप्रूवल’ के इंतजार करत बा।
खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में एगो अधिकारी कहले कि, ‘हम कवनो कंपनी के बिना लाइसेंस के सेवा देवे खातीर प्रोत्साहित ना कईनी।’ हमनी के स्काइप के मामला में एकर अनुभव भईल, जहां हमनी के कोशिश रहे कि कंपनी के लाइसेंसिंग के शासन में ना ले आवल जाए। अब ई मामला हमनी के वश में बा, अवुरी कवनो प्रावधान के उल्लंघन होखता।
अधिकारी इहो रेखांकित कइलन कि भारतीय उपयोगकर्ता लोग के सुरक्षा सुनिश्चित करे खातिर इंटरनेट आधारित अउरी सेवा, जवना के आमतौर पs ओटीटी (ओवर-द-टॉप) सेवा कहल जाला, के लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत ले आवे के चाहीं। संगही, उ आगे कहले कि, ‘जदी इ ओटीटी खिलाड़ी लाइसेंसिंग शासन के तहत आवेले त ए लोग के सरकारी मार्गदर्शन के पालन करे के अनिवार्यता बा।’
एयरटेल अवुरी जियो भी दौड़ में बाड़े
स्टारलिंक के संगे एयरटेल अवुरी जियो भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च करे के प्रयास तेज करतारे। एयरटेल के समर्थन से बनल वनवेब जियो खातिर जीएमपीसीएस लाइसेंस खातिर आवेदन कईले बा, जवन कि एकर हिस्सा ह। एह कंपनियन के लाइसेंस मिलला के बाद दूरसंचार विभाग (डीओटी) के दिहल सैटेलाइट स्पेक्ट्रम खरीदे के पड़ी।
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