अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बियफे के दिने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विदेशी विद्यार्थियन के दाखिला देबे पs रोक लगा दिहला के बाद अब ऊ दोसरा विश्वविद्यालयन के खिलाफ अइसने कार्रवाई होखे के संभावना जतवले बाड़न. व्हाइट हाउस में पत्रकारन के ओर से एs मुद्दा पs पूछल गईल सवाल के जवाब में ट्रंप कहले कि, ‘हमनी के एकरा के देखब।’ हार्वर्ड के अरबों डॉलर दिहल गइल बा, ओह लोग के एण्डोवमेंट 52 अरब डॉलर बा. हमनी के देश स्टूडेंट लोन देवे में अरबों डॉलर खर्च करेला। हार्वर्ड के आपन तरीका बदले के जरूरत बा।’ बता दीं कि बीयफे के ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड विश्वविद्यालय के ‘स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम’ यानी एसईवीपी के मान्यता रद्द कs देलस।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय पs रोक लगावे के कारण
एसईवीपी के मान्यता रद्द करे के फैसला हार्वर्ड आ ट्रंप प्रशासन के बीच लमहर समय से चलत टकराव के नतीजा हs. होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम हार्वर्ड पs आरोप लगवली कि ऊ विश्वविद्यालय के “यहूदी विरोध के माहौल बनावे, हिंसा के बढ़ावा देबे आ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथे मिलजुल के काम करे” के अनुमति दिहले बा. नोएम कहले कि हार्वर्ड सरकारी मांग से जुड़ल रिकॉर्ड पेश करे में नाकाम रहल, जईसे कि विदेशी छात्र के अनुशासन अवुरी विरोध प्रदर्शन। एकरे अलावा, ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड के डाइवर्सिटी, इक्विटी, एंड इंक्लूजन (DEI) प्रोग्राम सभ के भी निशाना बनवलस आ इनहन के भेदभाव वाला बतवलस।
#WATCH | Washington, DC: When asked if US govt will stop other universities also from enrolling international students, like Harvard University, US President Donald Trump says, " We will take a look at it. Billions of dollars have been paid to Harvard…they have $52 billion as… pic.twitter.com/R6awxAieRc
— ANI (@ANI) May 24, 2025
पिछला महीना ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड से मिलल 2.3 अरब डॉलर के संघीय फंडिंग रोक दिहले रहुवे काहे कि विश्वविद्यालय अपना पाठ्यक्रम, प्रवेश नीति आ काम पs राखे के तरीका में बदलाव खातिर सरकारी शर्तन के पालन करे से मना कs दिहलस. हार्वर्ड एह मांगन के असंवैधानिक आ ओकरा आजादी पs हमला बतवले रहुवे.
कवन-कवन विद्यार्थियन पs एकर असर पड़ी?
ट्रंप प्रशासन के एह फैसला के सभसे बड़ असर हार्वर्ड के लगभग 6,800 बिदेसी छात्रन पs पड़ी जे विश्वविद्यालय के कुल छात्रन के 27% बाड़ें। ई विद्यार्थी 140 से अधिका देशन से आवेलें खास कs के चीन, कनाडा, भारत, दक्षिण कोरिया आ ब्रिटेन से.
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