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शक्ति के आराधना में बूड़ल शिव नगरी, सप्तशती के ओजस मंत्र से गूंजल काशी

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कण-कण शंकर के नगरी आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पs शक्तिमय हो उठल। सोमार के अलसुबह से काशी के कोना-कोना दुर्गा सप्तशती के ओजस मंत्र से गूंज उठल।  शैलपुत्री माता के दर्शन खातिर अलईपुर स्थित भगवती दरबार में अतवार रात तीसरे प्रहर से ही भक्त के कतार लग गइल।

पंचामृत स्नान, शृंगार, षोडशोपचार पूजन अउरी आरती उपरांत भोर में तीन बजे पट खुलल अउर दर्शन-पूजन शुरू भइल। श्रद्धालु लोग माता रानी के गुड़हल समेत लाल फूल के माला, मिष्ठान अउर नारियल-चुनरी अर्पित कइलें।श्रद्धालु जय माता दी के नारा लगावत देवी के दरबार में मत्था टेक कs के अपने मुराद पूरा करे खातिर प्रार्थना कइल। 

घर-घर बिरजली आदिशक्ति जगदंबा

शक्ति के अधिष्ठात्री मां जगदम्बा के विविध स्वरूप के दर्शन-पूजन खातिर मंदिर में अनवरत कतार लागल बा। श्रद्धालु लोग व्रत के संकल्प लिहल। घर-घर सविधि कलश स्थापन अउरी ध्वजारोहण के संगे शक्ति के अधिष्ठात्री देवी भगवती दुर्गा के आह्वान कइल गइल। मंदिर अउरी मठ-आश्रम में भी विधि-विधान से कलश स्थापन, पूजन, देवी आवाहन कइल गइल। एकरे संगही शिव के नगरी काशी शक्ति के आराधना में डूब गइल।

शैलपुत्री माता मंदिर में उमड़ी भीड़
दुर्गाकुंड दुर्गा मंदिर, शक्ति पीठ विशालाक्षी, संकठा देवी सहित नौ गौरी अउरी नौ दुर्गा के मंदिरन में श्रद्धालुअन के भीड़ रहल। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार नवरात्र के पहिला दिन नौ देवियन में से मां शैलपुत्री के दर्शन-पूजन के विधान बा। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के अनुसार माई भगवती के पूजा-अर्चना से सुख अउरी सौभाग्य में बढ़ोतरी होला। माई दुर्गा, काली, लक्ष्मी अउरी सरस्वती के विशेष आराधना फलदायी मानल जाला।

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