शक्ति के आराधना में बूड़ल शिव नगरी, सप्तशती के ओजस मंत्र से गूंजल काशी
पंचामृत स्नान, शृंगार, षोडशोपचार पूजन अउरी आरती उपरांत भोर में तीन बजे पट खुलल अउर दर्शन-पूजन शुरू भइल। श्रद्धालु लोग माता रानी के गुड़हल समेत लाल फूल के माला, मिष्ठान अउर नारियल-चुनरी अर्पित कइलें।श्रद्धालु जय माता दी के नारा लगावत देवी के दरबार में मत्था टेक कs के अपने मुराद पूरा करे खातिर प्रार्थना कइल।
घर-घर बिरजली आदिशक्ति जगदंबा
शक्ति के अधिष्ठात्री मां जगदम्बा के विविध स्वरूप के दर्शन-पूजन खातिर मंदिर में अनवरत कतार लागल बा। श्रद्धालु लोग व्रत के संकल्प लिहल। घर-घर सविधि कलश स्थापन अउरी ध्वजारोहण के संगे शक्ति के अधिष्ठात्री देवी भगवती दुर्गा के आह्वान कइल गइल। मंदिर अउरी मठ-आश्रम में भी विधि-विधान से कलश स्थापन, पूजन, देवी आवाहन कइल गइल। एकरे संगही शिव के नगरी काशी शक्ति के आराधना में डूब गइल।
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