हिंदी के बढ़ रहल बा असर: दुनिया में तेजी से बढ़ रहल बा हिंदी के वर्चस्व, तीसरा सबसे ढ़ेर बोलल जाए वाली भाषा

कुमार आशू

दुनिया में हिंदी भाषा के वर्चस्व तेजी से बढ़ रहल बा। सन 1900 से 2021 के दौरान यानी 121 साल में हिंदी के बढ़ले के रफ्तार 175.52 फीसदी रहल। ई अंग्रेजी के 380.71 फीसदी के बाद सबसे तेज बा। अंग्रेजी अउरी मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया के तीसरी सबसे ज्यादा बोलल जाए वाली भाषा ह।

वर्ष 1900 में ई दुनिया में सबसे ज्यादा बोलल जाए वाली भाषा में चउथे स्थान पर रहल। स्टैटिस्टा के मुताबिक, ओह समय मंदारिन पहिले, स्पैनिश दूसरे अउरी अंग्रेजी तीसरे पायदान पर रहल। जइसे-जइसे देश तरक्की के राह पर बढ़ल, भारतीय भाषा अउरी विशेषतः हिंदी के पूछ बढ़त गइल। लमहर यात्रा तय कइले के बाद हिंदी 1961 में स्पैनिश के पीछे छोड़ के दुनिया के तीसरी सबसे ज्यादा बोलल जाए वाली भाषा बन गइल। तब दुनियाभर में 42.7 करोड़ लोग हिंदी बोलत रहनें। एकर संख्या 2021 में बढ़ के 64.6 करोड़ पहुंच गइल। ई संख्या ओ 53 करोड़ लोग के अलावा बा जिनकर मातृभाषा हिंदी ह। अब त यह शीर्ष-10 कारोबारी भाषा में भी बा।

देश में 53 करोड़ के मातृभाषा हिंदी

देश में 43.63 फीसदी यानी 53 करोड़ लोग के मातृभाषा हिंदी ह। 13.9 करोड़ यानी 11% से अधिक के ई दूसरकी भाषा ह। 55% भारतीयन के मातृभाषा चाहे दूसरी भाषा हिंदी हवे। दुनिया में 64.6 करोड़ हिंदी भाषी लोग बा।

गूगल पर 10 लाख करोड़ पन्ना हिंदी में

मुंबई विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय बतवलें कि गूगल पर सात साल में हिंदी सामग्री 94% के दर से बढ़ल बा। गूगल पर 10 लाख करोड़ पन्ना हिंदी में उपलब्ध बा।
दुनिया के 10 सबसे बेसी पढ़ल जाए वाले अखबारन में शीर्ष-6 लोग हिंदी भाषी बानें।

  • भारत से बाहर 260 से बेसी विश्वविद्यालयन में हिंदी पढ़ावल जा रहल बा।
  • विदेश में 28 हजार से ढ़ेर शिक्षण संस्थान हिंदी सिखा रहल बानें।
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