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गोरखपुर विश्वविधालय: क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यक्रम के किताब होई उपलब्ध – कुलपति पुनम टंडन

भारतीय भाषा उत्सव के दौरान कुलपति कइली "माई सिग्नेचर इज माई मदर टंग" अभियान सुरू करे के घोषणा

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गोरखपुर। डीडीयू में अब सब पाठ्यक्रमन के किताब क्षेत्रीय भाषा में उपल्ब्ध करावल जाई। एकरा संगही विश्वविद्यालय माई सिग्नेचर इज माई मदर टंग अभियान के सुरुआत करे जा रहल बा।

ई घोषणा कुलपति प्रो. पुनम टंडन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी आ पत्रकारिता विभाग में महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती के जयंती पs आयोजित भारतीय भाषा उत्सव के दौरान बतौर अध्यक्ष बोलत कइली। ऊ कहली कि भाषा आ साहित्य समाज के नया दिशा प्रदान कs सकेला। हमनी के अपना भाषा पs गरब होखे के चाहीं। भाषा आ संस्कृति के लेके हमनी के बिदेसन से गर्वबोध सीखला के जरूरत बा। बतवली कि सबसे अच्छा ज्ञान अपना क्षेत्रीय भाषा में मिल सकत बा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जोर क्षेत्रीय भाषा पs बा। ऊ विद्यार्थियन से हस्ताक्षर अभियान से जुड़े के अपील कइलें।

विषय प्रर्वतन करत प्रो. दीपक त्यागी कहलें कि भारतीय भाषा उत्सव मनावे के पीछे मुख्य उद्देश्य तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती के रचनात्मकता, स्वाधीनता आंदोलन में उनकर जोगदान आ सामाजिक सांस्कृतिक जागरण में उनकर भूमिका के रेखांकित कइल बा। भारतीय संस्कृति कला, संगीत, विचार के एकता आ विविधता के सौंदर्य के उद्घाटन करत भारत के लोगन के बीच सद्भाव के प्रचार कइल एह भाषा उत्सव के मुख्य उद्देश्य बा।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलत हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रो० अनिल कुमार राय कहलें कि भारतीय भाषा उत्सव के आयोजन समस्त भाषा के भूमिका, परस्पर संबंध आ बौद्धिक संपदा के राष्ट्र के पुनर्निर्माण में भूमिका के लेके कइल गइल बा। बतवलें कि भारत के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के भूमिका कवनो एक भाषा के बल पs संभव नइखे। एकरा खातिर ऊ भाषा के बीच के अंतर के खत्म करे खातिर सब भाषा के राष्ट्रभाषा के रूप घोषित कs दिहल जाये के जरूरत बतवलें।

भोजपुरी के सुप्रसिद्ध, कवि आ लेखक रविंद्र श्रीवास्तव जुगानी भाई अपना उद्बोधन में कहलें कि भोजपुरी के लेके तमाम तरे के भ्रांतिया। भोजपुरी के उत्पत्ति भोज शब्द से भइल बा। भोजपुरी में लिखल बहुत बाद में सुरू भइल, ना तs एकर साहित्य कवनो आउर भाषा के तुलना में कहीं से कम नइखे। ऊ कहलें कि भोजपुरी सुरू से विद्रोही तेवर के रहल बा। भोजपुरी के एक-एक रचनाकर आ उनका रचनन के ऊ देस के क्रांति के समर्पित बतवलें।

अंग्रेजी विभाग के प्रो. गौरहरि बेहरा, उर्दू विभाग के प्रो. डॉ. साजिद आ संस्कृत विभाग के प्रो० डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी अपना विचार विद्यार्थियन के बीच रखलें।

एकरा पहिले सब आगुंतक अतिथियन के विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी स्वागत कइलें। मंच संचालन पत्रकारिता पाठ्यक्रम के समन्वयक प्रो. राजेश मल्ल आ आभार ज्ञापन डॉ. राम नरेश राम कइलें। एह अवसर पs प्रो. प्रत्युष दुबे, प्रो. विमलेश मिश्रा, प्रो. अखिल मिश्रा, डॉ० रजनीश चतुर्वेदी, डॉ० नरेंद्र कुमार, डॉ० संदीप यादव, डॉ० नरगिस बानो, आयुष सेंगर सहित आउर में शिक्षक आ हिंदी आउर पत्रकारिता के छात्र-छात्रा उपस्थित रहल लो।

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