गोरखपुर: नगर निगम में शामिल भइल सहारा इस्टेट कॉलोनी, छह हजार परिवारन के राहत
दू दशक से साफ-सफाई, सड़क, नाली जइसन मूलभूत सुविधा खातिर जूझ रहल सहारा इस्टेट के करीब छह हजार परिवार के बड़ राहत मिलल बा। अब उनकर कॉलोनी भी नगर निगम में शामिल हो गइल बा। तकनीकी वजह अउर कंपनी अउर सोसाइटी के विवाद के ले के लमहर समय से ई कॉलोनी निगम में शामिल नाइ हो पावत रहल। जेसे इहां के लोग मूलभूत सुविधा से भी वंचित रहनें।
नगर निगम प्रशासन कॉलोनी के साफ-सफाई के काम शुरू क दिहल गइल बा। साथ ही डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन भी शुरू करा दिहल गइल रहे। कॉलोनी के 64 लोग पहिलही निगम के कs रहल बाने। सोमार के कॉलोनी के एक प्रतिनिधिमंडल नगर आयुक्त से मुलाकात क के 100 लोगों के अउर आपन टेक्स जमा कs के आश्वासन दिहलें। एह दौरान नगर आयुक्त पूरब में टेक्स जमा करे वाले लोग के रसीद भी उपलब्ध करवलें। नगर आयुक्त आश्वस्त कइलें बानें कि इहां के सब लोग के नाम नगर निगम के मतदाता सूची में भी दर्ज करावल जाई। ई कॉलोनी गोपलापुर वार्ड में आई अउर निगम के दस्तावेज में एकर नाम गोपलापुर सहारा इस्टेट दर्ज कइल गइल बा।
जानकारी के मुताबिक बरिस 2002 में सहारा इस्टेट कॉलोनी के निर्माण शुरू भइल रहे। 2004 में आवंटियन के कब्जा दिहल गइल। वर्ष 2009 में कॉलोनी के कंप्लीशन (पूर्णता ) सर्टिफिकेट खातिर जीडीए में आवेदन कइल गइल रहे मगर ई प्रमाणपत्र मिलल नाइ। बाद में सोसाइटी के गठन भइल लेकिन विवाद भी शुरू हो गइल। कॉलोनी बसावे वाली कंपनी के स्थिति खराब होखे लागल। एह सब के बीच पिसे लागल कॉलोनी के लोग।
सहारा इस्टेट आवासीय कल्याणकारी समिति के पहल पर कॉलोनी के 64 लोग कर जमा करे लागल बानें। करीब 100 से अधिक लोग के फाइल तैयार हो गइल बा। कॉलोनी में 1050 घर बा। बाकी परिवार भी टेक्स जमा करे खातिर आगे आ रहल बा। नगर निगम प्रशासन के कहनाम बा कि सहारा इस्टेट भी शहर के हिस्सा ह। कंपनी अउर सोसाइटी के कुछ दिक्कत बा, मगर एसे निगम के कौनो लेना देना नाइ बा। इहां मूलभूत सुविधा मुहैया करावल अउर टेक्स जमा कइल निगम प्रशासन के जिम्मेदारी बा। बाकी कॉलोनियन के तरह इहां के लोग के भी सब मूलभूत सुविधा मुहैया करावल जाई।
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