Gorakhpur Literary Festival : सुरेंद्र मोहन पाठक बोललें- पाठक तय करेला लोग साहित्य के परिभाषा

Surendra Mohan Pathak speaking at Gorakhpur Literary Festival

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Gorakhpur : गोरखपुर लिटरेरी फेस्टिवल के दूसरका दिन साहित्य पs गहिराह चरचा भइल। एह मवका पs सुप्रसिद्ध लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक कहलें कि साहित्य के परिभाषा आलोचक ना, बलुक पाठक तय करेला लोग। ऊ कहलें कि लेखक के असली अदालत पाठक हs आ कहानी के स्वीकार्यता ओकर सबसे बड़ पैमाना होला। लेखन प्रक्रिया, किरदार गढ़े के ढंग आ पाठक से जुड़ाव पs ऊ खुल के आपन राय रखलें।

बता दीं कि दु दिन के गोरखपुर लिटरेरी फेस्टिवल के आठवां संस्करण के दूसरका दिन साहित्यिक, सांस्कृतिक आ वैचारिक रूप से बहुते खास रहल। एह दौरान डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव नवाब स्मृति युवा रचनाकार प्रतियोगिता 2025 के विजेतन के सम्मानित कइल गइल। प्रतियोगिता में हिंदी आ अंग्रेजी भाषा के कविता आ लघुकथा में युवा रचनाकार आपन रचनात्मक प्रतिभा के सानदार प्रदर्शन कइल लोग।

युवा रचनाकार प्रतियोगिता के विजेता

हिंदी कविता लेखन के जूनियर वर्ग में निखिल प्रसाद मौर्य पहिला, सिद्धि सिंह दूसरा आ निकिता प्रियदर्शनी तीसरा स्थान पवली। सीनियर वर्ग में राघवेन्द्र मिश्र पहिला, मयंक मिश्र दूसरा आ अंकिता दूबे दर्शन तीसरा स्थान हासिल कइली। गोरखपुर लिटरेरी फेस्टिवल के विशेष पुरस्कार मधुबाला मध्देशिया के दिहल गइल।

हिंदी लघुकथा लेखन के जूनियर वर्ग में प्रिया मौर्य पहिला, पल्लवी त्रिपाठी दूसरा आ शुभाजीत राम त्रिपाठी तीसरा स्थान पs रहलें। सीनियर वर्ग में प्रिया प्रजापति पहिला स्थान पर रहली। अंग्रेजी कविता आ अंग्रेजी लघुकथा लेखन के जूनियर आ सीनियर वर्ग में कइयन गो युवा प्रतिभन के पहिला, दूसरा, तीसरा आ सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित कइल गइल। वक्ता लोग कहल कि अइसन प्रतियोगिता से नवहा लोग साहित्य से जुड़ेला आ ओकर रचनात्मक अभिव्यक्ति के सही मंच मिलेला।

‘नवोत्पल’ सत्र में युवा कवियन के दमदार प्रस्तुति

फेस्टिवल के दूसरका दिन उद्घाटन सत्र ‘नवोत्पल: नए पत्ते, नई खुशबू’ में नवहा कवि अपना कवितन से माहौल के जिंदा कs दिहल। प्रत्यूषा श्रीवास्तव, अचिन्त्य मिश्र, सव्यसाची, आदर्श कौशिक आ वसुंधरा वासू जीवन, प्रेम, संघर्ष आ उम्मीद जइसन विषयन पs कविता सुनावल, जेकरा पs श्रोता जम के ताली बजावल लोग। वरिष्ठ साहित्यकारन के मवजूदगी सत्र के आउर खास बना देलस।

साहित्य सत्र : तीन लेखक साझा कइल लो आपन लेखन अनुभव

साहित्य सत्र में लेखिका इरा टॉक, लेखक यशवंत व्यास आ सुनील द्विवेदी आपन लेखन अनुभव साझा कइल लोग। इरा टॉक स्त्री संघर्ष आ छोट शहरन के जीवन पर बोलेलीं, यशवंत व्यास पल्प फिक्शन आ जीवन के यथार्थ संबंध पर चर्चा कइलें, जबकि सुनील द्विवेदी पत्रकारिता आ साहित्य के रिश्ता पर आपन विचार रखलें।

राजनीति सत्र : लोकतंत्र पs खुल के भइल चरचा

राजनीति सत्र में डॉ. सतीश द्विवेदी आ यशस्विनी सहाय भारतीय लोकतंत्र, मीडिया के भूमिका, विपक्ष के जिम्मेदारी आ महिला भागीदारी जइसन मुद्दा पs खुल के बोलल लोग। वक्ता लोग लोकतांत्रिक संवाद आ संवेदनशील राजनीति के जरूरत पs जोर दिहल।

कार्टून प्रतियोगिता आ कथक नृत्य

दूसरका दिन स्व. राजीव केतन स्मृति कार्टून प्रतियोगिता के विजेतन के सम्मानित कइल गइल। निर्णायक लोग कहल कि कार्टून सामाजिक विमर्श के सशक्त माध्यम हs। संगही स्व. पीके लाहिड़ी स्मृति प्राइड ऑफ गोरखपुर अवार्ड्स समारोह में पद्मश्री डॉ. प्रवीन चंद्रा, आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी आ पद्मश्री रामचेत चौधरी के विशिष्ट योगदान खातिर सम्मानित कइल गइल।

सांझा के सत्र में गोरखपुर कथक केंद्र के नृत्यांगनन गणेश वंदना से लेके कृष्ण-भक्ति पs आधारित कथक नृत्य के भावपूर्ण प्रस्तुति दिहल लोग, जवना के दर्शक लोग खूब सराहना कइल।

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