खुशखबरी: पूर्वांचल के किसान पेड़ लगा के पईसा कमा सकेले, ई जान सकेले कि योजना का बा आ लाभ कइसे मिलेला

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किसानन खातिर राहत के खबर बा। पूर्वांचल के किसान अब पेड़ लगा के पईसा कमा सकेले। ए लोग के सालाना प्रति पेड़ 250 से 350 रुपया मिली।

अब पूर्वांचल के किसान पेड़ लगा के पईसा कमाए में सक्षम हो जइहें। एकर लाभ कार्बन एब्जॉर्ब एंड मनी अर्निंग योजना के तहत दिहल जाई। दूसरा चरण में वाराणसी आ मिर्जापुर संभाग के जिला में ई योजना शुरू कइल जाई। पेड़ के सर्वेक्षण के बाद राशि किसान के खाता में भेज दिहल जाई। किसान के सालाना 250 से 350 रुपया प्रति पेड़ मिल पाई।

मेरठ, गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद अवुरी सहारनपुर संभाग में ई योजना पहिला चरण में 2023 में शुरू भइल रहे। अभी तक 25140 किसान के 202 करोड़ रुपया मिलल बा। दूसरा चरण में सात डिवीजन के चयन कइल गइल बा।

एह में वाराणसी आ मिर्जापुर संभाग के जिला शामिल बा। किसान के पेड़ के सोखल कार्बन के मात्रा के हिसाब से पईसा दिहल जाई। किसानन के नीलगिरी (निलगिरी), पीपल, शिशम, नीम जईसन तेजी से बढ़े वाला पेड़ पs पईसा दिहल जाई। कार्बन क्रेडिट के मुताबिक हरेक पेड़ के सालाना 250 से 350 रुपया मिलेला। एकरा से किसान के पेड़ के मूल्य के संगे-संगे अतिरिक्त आमदनी होई।

वन विभाग स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण करी

वन विभाग एगो स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण कs के किसान के योजना के लाभ पहुंचाई। पेड़ के कार्बन अवशोषण क्षमता के फैसला वैज्ञानिक सूत्र के आधार पs होई। ए हिसाब से किसान के खाता में पईसा भेजल जाई। वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, जब तक पेड़ ना काटल जाई, तब तक भुगतान होई। सागौन आ नीलगिरी के पेड़ सबसे ढेर कार्बन सोख लेलें। एह पेड़न खातिर रउरा अउरी पइसा मिल जाई ।

अफसर का कहलस?

वायु प्रदूषण कम करे खातिर ई योजना शुरू कइल जा रहल बा। वाराणसी संभाग में ई योजना शुरू होखे वाला बा। किसान आ पेड़न पर निशान लगावल जा रहल बा । एकरा बाद किसान के योजना के लाभ दिहल जाई। -डॉ. रवि कुमार सिंह, संह, वन संरक्षक, वाराणसी मंडल

 

 

 

 

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