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गोवा के कुख्यात ‘हाथ कटारो खंभ’

फ्रांसिस जेवियर के अत्याचार के दास्तान

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गोवा के कुख्यात ‘हाथ कटारो खंभ’।  रउआ कब्बो नाइ सुनले होखब| एह खंभ के नाम हाथ कटारो एहलिए पड़ल काहेंसेकी संत नाम से जाने जाए वाला फ्रांसिस जेवियर ईहाँ लाकर ओह हिन्दुअन के बाँध देत रहल जे ईसाई बनने से मना कर देत रहने। ओनके तड़पा तड़पा के उनकर हाथ काट देहल जात रहल। रउआ के इतिहास में अइसन दूसर घटना के वर्णन कहीं नाइ मिली। एकर इतिहास पढ़ी।

पुर्तगालियन के भारत आवे अउर गोवा में जम गइला के बाद ईसाई पादरी सब भारतीयन के बलात धर्म-परिवर्तन करावल शुरू कs देहलस। एह अत्याचार के आरम्भ करे वाले ईसाई पादरी के नाम फ्रांसिस जेवियर (Francis Xavier, 7 April 1506–3 December 1552) रहल। फ्रांसिस जेवियर हिन्दुअन के धर्मान्तरित कइले के भरसक प्रयास कइने मगर ओके आरम्भ में विशेष सफलता नाइ मिलल। ऊ देखलस की ओकरे अउर ईसा मसीह की भेड़न के संख्या में वृद्धि कइले के बीच हिन्दू ब्राह्मण सबसे बेसी बाधक बाने । फ्रांसिस जेवियर के अपनिये शब्दों में ब्राह्माण ओकर सबसे बड़ शत्रु रहने काहेंसेकी ऊ ओनके धर्मांतरण कइले में सबसे बड़ रुकावट रहने। फ्रांसिस जेवियर एह समस्या के समाधान खातिर ईसाई शासन के आश्रय लेहलस। वायसराय के ई आदेश लागू कइल गइल कि सब ब्राह्मणन के पुर्तगाली शासन के सीमा से बाहर कर देहल जाये । गोवा में कौनो स्थान पर नया मंदिर के निर्माण अउर पुरान मंदिर के मरम्मत कइले पर सख्त मनाही रहल। एह पर भी असर न देख अगला आदेश लागू कइल गइल की जे भी हिन्दू ईसाई शासन के मार्ग में बाधक बनी ओकर सम्पति जब्त क लेहल जाई। एहसे भी सफलता न मिलले से अधिक कठोरता से अगला आदेश लागू कइल गइल। राज्य के सब ब्राह्मणन के धर्म परिवर्तन कs के ईसाई बनवले के नाइ त देश छोड़ले के फरमान जारी भइल। एह आदेश के साथ हिन्दु विशेष रूप से ब्राह्मणन पर भयंकर अत्याचार शुरू हो गइल। हिन्दू पंडित अउर वैद्य पालकी पर सवारी नाइ कर सकत रहल। अइसन करे वालन के दण्डित कइल जात रहल। इहाँ ले कि जेल में भी ठूस देहलस जात रहल। हिन्दुअन के ईसाई बनवले खातिर प्रोत्साहित कइल जात रहल। ईसाई बनले पर राज संरक्षण के मिलल अउर हिन्दू बने रहले पर प्रताड़ित होखले के चलते हजारों हिन्दू ईसाई बन गइने। हिन्दुअन के विवाह आदि पर उत्सव कइले के मनाही कइल गइल। ईसाई शासन के अत्याचार के चलते हिन्दू बड़ संख्या में पलायन खातिर विवश भइल। फ्रांसिस जेवियर के शब्द में परिवर्तित भइल हिन्दुअन के ईसाई बनत समय उनके पूजा स्थल के, उनके मूर्तियन के ओनके तोड़त देख ओके बड़ी ख़ुशी होखे। हजारों हिन्दुअन के डरा धमका के, कइयों के मार कर, कइयों के जिन्दा जला के, कइयों के संपत्ति जब्त क के, कइयों के राज्य से निष्कासित क के नाइ त जेल में डाल के ईसाई मत अपने आपके शांतिप्रिय अउर न्यायप्रिय सिद्ध कइलस। हिन्दुअन पर भइल अत्याचार के वर्णन कइले भर में लेखनी कांप उठत बा। गौरी अउर गजनी के अत्याचारी इतिहास फिर से सजीव हो उठल रहल। विडंबना देखीं की ईसा मसीह खातिर भेड़न के संख्या में वृद्धि के बदले फ्रांसिस जेवियर के ईसाई समाज संत के उपाधि से सम्मानित कइल गइल। गोवा प्रान्त में एगो गिरिजाघर में फ्रांसिस जेवियर की अस्थियां सुरक्षित रखल गइल बा। हर वर्ष कुछ दिन खातिर ओके दर्शनार्थ रखल जाला। सबसे बड़ विडंबना ई बा कि इनके दर्शन अउर सम्मान करे गोवा के ऊ ईसाई आवेने जेकर पूर्वज कब्बो हिन्दू रहने अउर ओनके इहे जेवियर कब्बो बलात ईसाई बनवले रहल।

हमके लागत बा कि गोवा फाइल्स ओह अत्याचारन के उजागर करने खातिर आवश्यक बा जेकर सामना हिंदुओं अउर गोवा के हमनी के पूर्वज कइले रहने….!!!

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