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सुरक्षा खतरन से निपटे ला तइयार रहल जाव, भारतीय सेना के भविष्य के बल बनावल जाव: नायडू

पिछिला 52 साल में वेलिंगटन (Wellington) इस्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (Defence Services Staff College) के दौरा करे आला पहिला उपराष्ट्रपति श्री नायडू  कहले कि संघर्ष के नाया आ उभरत क्षेत्रन के धेयान में राखत सशस्त्र बलन के भारतीय सेना के ‘भविष्य के बल’ बनावे के चाहीं।

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उधगमंडलम (तमिलनाडु): उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू  मंगर को कहले कि भारत बहुते जटिल आ अप्रत्याशित भू-राजनीतिक माहौल में कइयन गो सुरक्षा चुनौतियन के सामना कर रहल बा। ऊ सशस्त्र बलन से कवनो तरे के चुनौती से निपटे आ कवनो सुरक्षा संबंधी खतरा के दृढ़ता से रोके ला पूरा तरे तइयार रहे के कहले।

 

रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के दौरा करे आला पहिला उपराष्ट्रपति बनले नायडू

पिछिला 52 साल में वेलिंगटन (Wellington) इस्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (Defence Services Staff College) के दौरा करे आला पहिला उपराष्ट्रपति श्री नायडू  कहले कि संघर्ष के नाया आ उभरत क्षेत्रन के धेयान में राखत सशस्त्र बलन के भारतीय सेना के ‘भविष्य के बल’ बनावे के चाहीं। नायडू से पहिले 1970 में तत्कालीन उप राष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक कॉलेज के दौरा कइले रहले।

भारत के नजरिया कबो विस्तारवादी ना रहल

उपराष्ट्रपति कॉलेज के अधिकारियन आ स्टाफ के संबोधित करत कहले कि ऐतिहासिक रूप से भारत के नजरिया कबो विस्तारवादी ना रहल आ ओकर रुख हमेशा शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के रहल बा। ऊ कहले, ‘देश के भरोसा बा कि दुश्मन ताकतन के भारत के संप्रभुता के चुनौती देवे आला कवनो कोशिश से हमनी के सुरक्षा बल मजबूती से निपटी लो।’

जंग खाली मैदान में ना लड़ल जाला

उपराष्ट्रपति कहले आज जंग खाली मैदान में ना लड़ल जाला, बलुक कव गो मोर्चन पs लड़ल जाले। ऊ कहले कि युद्ध के मिश्रित प्रकृति परंपरागत तरीका से विजेता आ पराजित करे के  फसीला करे में मुश्किल पैदा करत बा। नायडू कहले कि साइबर युद्ध, ड्रोन आ रोबोटिक्स के बढ़त प्रयोग आ अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियन युद्ध क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव लाइल बा।

 

साभार: प्रभात खबर

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