खगोलशास्त्री लोग सबसे पुरान आ दूर के आकाशगंगा के खोज कइले बा। लगभग 13.5 अरब साल तक अंतरिक्ष में यात्रा कइला के बाद एकर रोशनी पृथ्वी पर पहुँच जाला। वैज्ञानिक लोग के मानना बा कि ई आकाशगंगा शुरुआती ब्रह्मांड के अध्ययन में एगो महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित होई।
खगोलशास्त्री लोग के एगो अंतर्राष्ट्रीय टीम नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के इस्तेमाल से अब तक के खोजल गइल सबसे पुरान आ दूर के आकाशगंगा के पहचान कइले बिया। पिछला महीना एडवांस्ड डीप एक्स्ट्रागैलेक्टिक सर्वेक्षण (जेडेस) टीम के खोजल ई आकाशगंगा शुरुआती ब्रह्मांड के अध्ययन में एगो महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित होखे वाला बा । एह नया आकाशगंगा के नाँव जेड्स-जीएस-जेड14-0 रखल गइल बा।
असल में जेडब्ल्यूएसटी दु साल पहिले से काम करे लागल रहे। खगोलशास्त्री लोग एकर इस्तेमाल लाखों साल पहिले के सफर देखे खातिर कर रहल बा। ई एगो अइसन पल के पीछे मुड़ के देखे के कोसिस हवे जेकरा के ब्रह्मांडीय भोर कहल जाला, जब पहिला तारा आ आकाशगंगा सभ के निर्माण भइल।
15 गुना रोशनी फइल गइल बा
दूरबीन से कइल गइल अध्ययन में इटली के पीसा के स्कुओला नॉर्मल सुपीरियर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफनो कार्नियानी आ उनके साथी लोग के पता चलल कि जेड-जीएस-जेड14-0 आकाशगंगा से आवे वाला रोशनी के बिस्तार के कारण 15 गुना ले फइल गइल बा । एकर मतलब ई बा कि एकर रोशनी 13.5 अरब साल ले अंतरिक्ष में यात्रा कइला के बाद हमनी के लगे पहुँच गइल बा, काहें से कि ब्रह्मांड के उमिर लगभग 13.8 अरब साल के अनुमान लगावल गइल बा। ई बतावेला कि प्रकाश ब्लैक होल से ना, तारा से आवत बा।