डीडीयू के पूर्व कुलपति राधा मोहन मिश्रा के निधन, शिक्षा- पर्यावरण के क्षेत्र में जोगदान खातिर लोग कइल इयाद
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, प्रख्यात समाजसेवी आ पर्यावरणविद प्रोफेसर राधे मोहन मिश्रा के सबेरे भावपूर्ण विदाई के संगे अंतिम संस्कार कइल गइल। श्रीराम घाट इस्थित सहारा मोक्ष धाम पs उनका पार्थिव देह के अंतिम विदाई देवे पहुंचल परिवार, मित्र आ प्रशंसक लोग उनजा के नम आंखिन से विदा कइलस।
प्रो. मिश्रा बियफे के सांझ दिवाली के दिन अपना सिद्धार्थ एन्क्लेव, देवरिया बाइपास के निवास पs अंतिम सांस लेलें। एहसे गोरखपुर के शैक्षिक आ सामाजिक हलकन में शोक के लहर बा।
व्यापक योगदान आ आदर्शन के प्रति समर्पण
प्रो. राधे मोहन मिश्रा तीन बेर गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पद के सुशोभित कइलें आ अपना कार्यकाल में शिक्षा आ पर्यावरण के क्षेत्र में कइयन गो सुधार कइलें। ऊ आम आदमी पार्टी से 2013 में जुड़लें आ 2014 में सदर लोकसभा सीट से चुनाव लड़लें, बाकिर पार्टी के सिद्धांतन से विचलन के देखत बाद में इस्तीफा दे देलें। प्रो. मिश्रा स्पष्ट रूप से कहले रहस कि पार्टी अब स्वराज, आंतरिक लोकतंत्र आ पारदर्शिता जइसन मूल सिद्धांतन से हट चुकल बिया, आ ऊ कवनो तरे के अधिनायकवादी रवैया के समर्थन नइखन कs सकत।
पर्यावरण के रक्षा खातिर संघर्ष
पर्यावरण के प्रति उनका समर्पण के एगो उदाहरण रामगढ़झील के दोबारा जियावे खातिर उनका ओर से लड़ल गइल लमहर कानूनी लड़ाई हs, जेमे ऊ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में जाके झील के संरक्षण के मांग कइलें। उनका प्रयास से झील के संरक्षण में जागरूकता फइलल आ कइयन गो सकारात्मक पहल सामने आइल।
शोक में डूबल विश्वविद्यालय
उनका निधन पs विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. हर्ष सिन्हा, हेरिटेज फाउंडेशन के संरक्षिका डॉ. अनिता अग्रवाल, आर्किटेक्ट अनुपम अग्रवाल, मनीष चौबे, मनोज सिंह, मुमताज खान आ प्रोफेसर अनिल राय सहित कइयन गो गणमान्य व्यक्ति गहिराह शोक व्यक्त कइल लो। सभे उनका जोगदान के अतुलनीय बतावल आ कहल कि उनका गइला से शिक्षा, समाज सेवा आ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एगो अपूरणीय क्षति भइल बा।
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