वैज्ञानिक साक्ष्य जुटवले में माहिर होइहें दरोगा, पूछताछ के भी बढ़ी ज्ञान
गोरखपुर जिला के वैज्ञानिक सबूतन के जुटवलें अउरी पूछताछ में दरोगा लोग के अउरी माहिर बनावल जाई। एकरे खातिर गोरखपुर पुलिस एम्स के मेडिको लीगल विभाग से करार कs लिहले बा। तीस-तीस दरोगा के बैच बना के शनिवार अउरी रविवार के फोरेंसिक के ट्रेनिंग देहल जाई।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई के पहल पs 10 सितंबर से एकर शुरुआत कइल जाई। एसपी सिटी के मुताबिक, प्रशिक्षण के कमी होखले के वजह से मौका-ए-वारदात पर जरूरी साक्ष्य नाइ ले पावे लें। पूछताछ में कौने सवाल के शामिल करे के चाहीं, इहो जानकारी जरूरी बा।
अब एम्स के मेडिको लीगल टीम पुलिस लाइंस के व्हाइट हाउस में अइहें। उहवें प्रशिक्षण के अलग-अलग सत्र चली। शहर के 30-30 दरोगा लोग के बैच बनावल जा रहल बा। प्रशिक्षण के सिलसिला चलत रही। एक बैच के प्रशिक्षण पूरा होई त दूसरा आई।
एह बिंदुअन पर बढ़ावल जाई जानकारी के बारीकी
- घटनास्थल पs कइसे अउरी का सबूत लेवे के चाहीं, एकर जानकारी होई।
- महिला लोग के साथ होखे वाले अपराध में ई भूमिका अउर बढ़ जाला।
- नमूना के कइसे संरक्षित कइल जाला, ई बारीकी से समझइहें।
- वारदात के बाद घटनास्थल पर कौने-कौने बिंदु पs जांच करे के चाहीं।
- मौका-ए-वारदात पर घटना के हिसाब से मौजूद लोग अउरी घरवालन से का सवाल पूछे के चाहीं।
- डूबले, हैंगिंग चाहे फिर हत्या के बाद शव के लटकावल गइल बा, एके कइसे मौका पर ही समझ लेवल जाई।
- वारदात के हिसाब से ही मौका पs साक्ष्य जुटावल, फिर का जांच खातिर भेजे के चाहीं।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई कहलें कि फोरेंसिक प्रशिक्षण खातिर एम्स के मेडिको लीगल विभाग से करार भइल बा। सहमति बन गईल बा, हर शनिचर अउरी अतवार के तीस-तीस दरोगा लोग के प्रशिक्षण खातिर भेजा जाई। उनकर प्रशिक्षण पूरा होखला के बाद अगिला बैच भेजल जाई। एहसे दरोगा कई बारीकियन के सीख लीहें जेकर फायदा विवेचना में भी मिली।
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