तारीख के लेके टोकले तs भड़क गइलें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ, ASG से बोललें- हमनी के बात में दखल मत दिहल जाव, काल्ह मतलब काल्ह
हेट स्पीच ममिला में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ एडिशनल सॉलीसिटर जनरल पs बुरा तरे से भड़क गइल। कोर्ट ममिला के सुनवाई खातिर बुध के तारीख तय कइले रहे। बाकिर सॉलीसिटर जनरल कहत रहले कि काल्ह के अलावे कवनो आउर तारीख दिहल जाव।
तारीख तय करत समय जस्टिस जोसेफ कहलें कि तs फेर काल्ह सरकारी वकील बोललें कि काल्ह ना। फेर का रहे कि जस्टिस जोसेफ के पारा चढ़ गइल। ऊ सरकारी वकील के फटकार लगावत कहलें कि हमनी के बात में रउआ दखल नइखी दे सकत। देवे के कोसिसो मत करी। काल्ह के मतलब काल्ह हs।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस जोसेफ आ एएसजी एसवी राजू के बीच गहमा गहमी देखे के मिलल। जस्टिस जोसेफ के कहनाम रहे कि पिछला तारीख में सरकारी वकील कहत रहले कि हेट स्पीच के ममिला लोकतंत्र के सेहत खातिर बहुत जरूरी रहे। एएसजी के जवाब रहे कि माननीय जज सुप्रीम कोर्ट के मजिस्ट्रेट के अदालत में तब्दील होखे से बचावस। एकर एगो गरिमा बा जवना के बहाल रखल गइला के जरूरत बा।
जस्टिस जोसेफ के सरकारी वकील से सवाल रहे कि का उनका ना लागत रहे कि सांप्रदायिक सद्भाव के बनावल रखला खातिर हेट स्पीच पs लगाम लगावे के जरूरत बा। का सरकार के नुमाइंदा होखला के नाते उनका अइसन नइखे लागत। जस्टिस के कहनाम रहे कि सॉलीसिटर जनरल के कहे के चाहीं कि हमन एकरा के रोके खातिर डेग उठाएम। रउआ बतायेम कि अब ले हेट स्पीच के ममिला में केतना केस दर्ज कइल गइल बा। एसजी के जवाब रहे कि 18 गो भइल बा।
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