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कोविड-19 से ठीक भइल लोगन के थकान कर रहल सबसे बेसी परेशान, स्टडी में भइल खुलासा

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Covid-19 के बाद थकान, सांस में तकलीफ, गंध आउर स्वाद के नुकसान जइसन लक्षण आम तौर पs मिलल बा। डब्ल्यूएचओ आ आईसीएमआर के रिपोर्ट में कहल गइल बा कि कोविड के बाद के समस्या टीका लगावल लोग में कम पावल गइल। अचानक मौत के मामला अबहीं बढ़ रहल बा जवन चिंता के विषय बा।

भारत आ विदेश में Covid-19 रोग से ठीक होखे वाला लोग पs कइल गइल अध्ययन में कुछ आम कारक सामने आइल बा। थकान तीनों श्रेणी के मरीजन में सभसे ढेर रिपोर्ट कइल जाए वाला लच्छन हवे, चाहे ऊ अस्पताल में भर्ती होखे, बिना अस्पताल में भर्ती होखे के ठीक होखे भा मिश्रित समूह में होखे।Covid से उबरला के बाद थकान बहुत परेशान कइलस। आमतौर पs बतावल जाए वाला आ लच्छन सभ में बेचैनी, सांस में तकलीफ, लगातार गंध भा स्वाद के नुकसान, सिरदर्द, खांसी, हल्का बोखार, घबराहट, चक्कर आवे, अवसाद, मांसपेशी आ जोड़ सभ में दर्द सामिल बा। हाल के एगो व्यवस्थित समीक्षा से पता चलल कि Covid से ठीक होखे वाला लोग में से लगभग 45 प्रतिशत लोग में कम से कम एगो लक्षण रहे जवन ठीक ना भइल।

डब्ल्यूएचओ के रिपोर्ट में कहल गइल बा

राज्यसभा में एगो सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कहलस कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के रिपोर्ट में थकान, सांस में तकलीफ भा सांस लेवे में दिक्कत, याददाश्त, एकाग्रता चाहे नींद में समस्या, लगातार खांसी, छाती में दर्द पावल गइल बा। Covid के बाद के समस्या कई कारक पs निर्भर करेला। प्रतिरक्षा प्रणाली के असंतुलन, ऑटो-इम्यूनिटी के कमी, डिस्बायोसिस, माइक्रोथ्रोम्बी, सिस्टमिक फाइब्रोसिस, लगातार सीएनएस संक्रमण जइसन कारक कोविड के बाद के समस्या के कारण हो सकेला।

अबहीं ले 194 गो अध्ययन भइल बा

जदि अलग-अलग भौगोलिक स्थान के देखल जाव तऽ यूरोप में 106 गो अध्ययन भइल बा। लगभग 194 गो अध्ययन सभ के व्यवस्थित समीक्षा आ मेटा-एनालिसिस (दू या एक से ढेर अलग-अलग अध्ययन सभ के परिणाम के सांख्यिकीय संयोजन) कइल गइल जेह में 49 गो एशिया में, 31 गो उत्तरी आ दक्खिन अमेरिका में आ 8 गो अन्य महादीप सभ में रहलें। पावल गइल कि अस्पताल में भर्ती (28.4 प्रतिशत), गैर अस्पताल में भर्ती (34.8 प्रतिशत) अवुरी मिश्रित (25.2 प्रतिशत) लोग में सबसे जादा थकान के लक्षण देखाई देलस। अस्पताल में भर्ती मरीजन में पांच गो सभसे ढेर लच्छन थकान (28.4 प्रतिशत, 70 अध्ययन), दर्द आ बेचैनी (27.9 प्रतिशत, 10 अध्ययन), अनिद्रा (23.5 प्रतिशत, 34 अध्ययन), आ साँस लेबे में तकलीफ (22.6 प्रतिशत, 70 अध्ययन) रहे आ खराब सामान्य कामकाज (22.3 प्रतिशत, 10)।

आईसीएमआर का कहत बा?

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक देखल गइल बा कि कोविड संक्रमण से पहिले जे लोग Covid vaccine लेले बाड़े, उ लोग में Covid के बाद स्वास्थ्य समस्या के घटना कम होखेला। संगही, संक्रमण से पहिले के टीकाकरण के संबंध पहिले कोविड-19 संक्रमण आ लंबा समय तक कोविड के मरीज में कोविड के बाद के लक्षण के खराब मामला से नइखे। मरे वाला मरीजन में से महज 16 फीसदी के टीका लगावल गइल जवन एंटी-सार्स-कोवी-2 टीकाकरण के सुरक्षात्मक प्रभाव के संकेत देत बा

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