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Everest day: आखिर काहें मनावल जाला एवरेस्ट डे, के रहले तेन्जिंग नॉरगे जेसे बा एह दिन के खास नाता?

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रउआ आ हमनी के हमेशा से पढ़ले बानी जा कि दुनिया के सबसे ऊँच चोटी माउंट एवरेस्ट हs। पता ना हर साल केतना लोग नेपाल जाला एवरेस्ट चढ़े खातिर। कुछ लोग एहमें सफल होला तs कुछ लोग निराश होके लवट आवेला. बाकिर का रउरा कबो सोचले बानी कि एवरेस्ट दिवस कब से शुरू भइल आ एकरा के काहे मनावल जाला? अगर रउरा नइखीं जानत तs हम ई बात बता देब. एवरेस्ट दिवस 29 मई के भारत में ही ना बल्कि नेपाल आ न्यूजीलैंड में भी मनावल जाला। ध्यान रहे कि एवरेस्ट दिवस के पहिला बेर साल 2008 में मनावल गईल रहे।

एवरेस्ट केतना ऊँच बा?

माउंट एवरेस्ट दुनिया के सभसे ऊँच पहाड़ हवे। एकर चोटी 8848 मीटर मने कि समुंद्र तल से 29,029 फीट बा। माउंट एवरेस्ट पs तेज हवा आ बेहद ठंडा होला, जेकरा चलते एकरा पs चढ़ल आसान ना होला। इहाँ लोग अक्सर मई आ सितंबर में ही चढ़े में सक्षम होला काहे कि एह समय हवा कम तेज हो जाला। दावा कईल जाता कि अबे ले माउंट एवरेस्ट पs मात्र 4000 से जादा लोग चढ़े में सफल भईल बाड़े जबकि दुनिया में लोग के संख्या 8 अरब से जादे बा। अब जानल जाव कि तेनजिंग नोर्गे के रहे आ टेनजिंग नोर्गे के एकर शुरुआत से का संबंध बा?

तेनजिंग नोर्गे के रहले?

कहल जाला कि तेनजिंग नोर्गे माउंट एवरेस्ट पs चढ़े वाला पहिला व्यक्ति हवें, बाकीर उs अकेले इs काम ना कईले, न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी भी ओ समय उनुका संगे रहले। तेनजिंग नोर्गे के जनम 29 मई 1914 के भइल रहे, तेनजिंग उनके माता-पिता के 11वाँ संतान रहलें। तेनजिंग अपना किशोरावस्था में दू बेर घर से भाग गइल रहले, पहिला काठमांडू आ दूसरा दार्जिलिंग, आ इहाँ अइला के बाद 1935 में सिरदार (शेरपा) के काम करे लगले। फेर 1953 में एही अभियान के दौरान एडमंड हिलेरी के सिरदार (शेर्पा) बनले अवुरी 29 मई के सबेरे 11.30 बजे माउंट एवरेस्ट पहुंचले। उहाँ करीब 15 मिनट बितवले, जवना के दौरान उs कुछ फोटो खींच के केक खईले। ध्यान रहे कि एह से पहिले तेनजिंग नोर्गे छह बेर माउंट एवरेस्ट पहुंचे के कोशिश कईले रहले।

 

 

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