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IVF के जरिए मां-बाप बने वालन खातीर बड़ खबर, ‘एग डोनर महिला बायोलॉजिकल महतारी के दावा नइखी कs सकत’

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बंबई हाईकोर्ट मंगल के दिने फैसला दिहलस कि एग डोनर महिला आनुवंशिक महतारी का रूप में योग्य हो सकेले बाकिर ओकरा बच्चा के जैविक महतारी के रूप में मान्यता पावे के कवनो कानूनी अधिकार नइखे. कोर्ट इs टिप्पणी दु बहिन से जुड़ल सरोगेसी मामिला में कईले बिया। नवी मुंबई के एगो महिला के याचिका के सुनवाई करत जस्टिस मिलिंद जाधव के नेतृत्व में पीठ आपन फैसला सुनवलस। जिनकर पति ओह लोग के जुड़वा बेटी के बिना उनुका जानकारी के झारखंड ले गईल रहले।

आईवीएफ से भइल जुड़वां लइकन के जनम

महिला के छोट बहिन के डोनेट में दिहल एग के इस्तेमाल से इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के माध्यम से जुड़वा बच्चा के जनम भईल। महिला अब आपन जैविक महतारी होखे के दावा करतिया। विवाद एतना बढ़ गईल कि मामला हाईकोर्ट ले पहुंच गईल।

युवक के साली एग डोनेट कइले रहली

जानकारी के मुताबिक झारखंड के एगो आदमी के बियाह 2012 में हिन्दू रिवाज के मुताबिक भईल रहे। बियाह के कई साल बाद दुनो लोग के कवनो बच्चा ना भईल। डॉक्टर के सलाह पs दुनो लोग आईवीएफ अपना लेले। युवक के पत्नी उनुका छोट बहिन से संपर्क कईली, जवन कि जनवरी 2019 में आपन एग दान करे पs तैयार हो गईली, जवना से आईवीएफ प्रक्रिया शुरू हो गईल।

तीन महीना बाद , एग डोनेट करे वाली बहिन अवुरी उनुका परिवार के आगरा एक्सप्रेसवे पs दुर्घटना से मुलाकात भईल। एs दुर्घटना में उनुकर पति अवुरी बेटी के मौत हो गईल। घटना के करीब चार महीना बाद उनुकर बड़की बहिन जुड़वा बेटी के जनम देली। 2019 से 2021 तक इs जोड़ी अवुरी उनुकर जुड़वा बच्चा नवी मुंबई में एक संगे रहत रहले। हालांकि वैवाहिक विवाद के बाद पति अपना पत्नी के बिना सूचना देले मार्च 2021 में बच्चा के झारखंड ले गईले। एह दौरान उs घर में मौजूद ना रहली.

मामला हाईकोर्ट ले पहुंच गईल

महिला अपना पांच साल के जुड़वा लईका के कस्टडी अवुरी विजिटेशन राइट्स के मांग करत अदालत में पहुंचल। उनुकर पति अवुरी बहिन दुनो उनुका याचिका के विरोध कईले। पिछला साल निचला अदालत महिला के याचिका के खारिज कs देले रहे। महिला के ओर से अधिवक्ता गणेश गोले के तर्क रहे कि इs आदेश एs गलत धारणा पs आधारित बा कि अंडा देवे वाला पत्नी के बहिन भी जुड़वा बच्चा के सरोगेट महतारी हई। पति के तर्क रहे कि चूंकि उनुकर पत्नी के बहिन अंडा दाता रहली। एहसे उनुका जैविक माता-पिता के रूप में मान्यता मिले के जायज दावा रहे अवुरी महिला के बच्चा पs कवनो दावा नईखे बनत।

 

 

 

 

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