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UP News : नाया बिजली दर तय करे के कवायद तेज, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जनसुनवाई 21 से

पावर कॉर्पोरेशन दर बढ़वावे के फेरा में, उपभोक्ता परिषद कमी के बना रहल बा दबाव। सरकार के रुख देखके राज्य विद्युत नियामक आयोग करी फसीला।

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प्रदेश में नाया बिजली दर तय करे के कवायद तेज हो गइल बा। राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली दर पs 21 जून से 24 जून ले जनसुनवाई के फसीला कइले बा। कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर आयोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जनसुनवाई करी। बिजली दर बढ़ावे भा कम करे के लेके पेंच फंसल बा।

बिजली कंपनियन के घाटा एक लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गइल बा। एहिसे पावर कॉर्पोरेशन दर बढ़वावे के जोगाड़ में लागल बा जबकि राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद बिजली कंपनियन पs उपभोक्ता लोगन के निकल रहल देनदारी के हवाला देत दरन में कमी के दबाव बना के रखले बा। राज्य सरकार के रुख देखके आयोग दर के बारे में अंतिम फसीला करी।

2022-23 खातिर दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव पs 21 जून के दक्षिणांचल आ पश्चिमांचल वितरण निगम आ केस्को के सुनवाई होई। 22 जून के मध्यांचल आ पूर्वांचल वितरण निगम के सुनवाई होई। नोएडा पावर कंपनी के सुनवाई 24 जून के होई। ओहि दिन यूपी पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन के सुनवाई कइल जाई।

जनसुनवाई खातिर नियामक आयोग कावर से पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष आ सभे बिजली कंपनियन के प्रबंध निदेशकन के निरदेस जारी कs दिहल गइल बा। दूसरा ओरि राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद दर में कमी करावे खातिर तइयारी सुरू कs देले बा। परिषद जल्दिये एआरआर पs आपन आपत्तियन आ सुझाव के आयोग के सउपी।

बिजली कंपनियन के तरफ से वर्ष 2022-23 खातिर लगभग 84,526 करोड़ रुपिया के एआरआर दाखिल कइल गइल बा। एआरआर में लगभग 6762 करोड़ के घाटा अनुमानित बा। एआरआर में वितरण लाइन हानि 17.5 प्रतिशत प्रस्तावित कइल गइल बा। एआरआर के मोताबिक चालू वित्तीय वर्ष में 1,26,526 मिलियन यूनिट बिजली के किनल जाई आ बिजली कंपनियन द्वारा 1,20,833 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति प्रस्तावित बा।

एह साल 64,294 करोड़ के बिजली किनल प्रस्तावित कइल गइल बा। सरकार कावर से 14,500 करोड़ राजस्व सब्सिडी दिहल जाये के बात कहल गइल बा। बिजली आपूर्ति के लागत 8.43 रुपिया प्रति यूनिट प्रस्तावित कइल गइल बा। खास बात ई बा कि आयोग के निरदेस के बावजूद पावर कॉर्पोरेशन टैरिफ प्रस्ताव दाखिल नइखे कइले। अलबत्ता कॉर्पोरेशन बिजली दरन के मवजूदा स्लैब में बदलाव खातिर एक बेर फेर आयोग से निहोरा करे के तइयारी में जुटल बा।

पावर कॉर्पोरेशन चाहत बा कि बिजली कंपनियन के भारी-भरकम घाटा के देखत आयोग बिजली दरन में तर्कसंगत वृद्धि के फसीला करे। फिलहाल जवना तरे के संकेत मिल रहल बा ओकरा के देखत मानल जा रहल बा कि सरकार दर बढ़ावे के पक्ष में नइखे। ओने, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के कहनाम बा कि चूंकि बिजली कंपनियन के तरफ से टैरिफ प्रस्ताव दाखिल नइखे कइल गइल एहिसे बिजली कंपनियन पs उपभोक्ता लो के निकल रहल  22,045 करोड़ रुपिया के एवज में दर में कमी कइल जाये के चाहीं।

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