तुर्की में आइल भीषण भूकंप के बारे में भविष बानी करे वाला वैज्ञानिक भारतीय उपमहाद्वीप के बारे में का कहलें?
कुछ दिन पहिले आइल तुर्की में भीषण भूकंप से लगभग 25000 से बेसी आदमी आपन जान गंवा देले रहे ।
कुछ दिन पहिले आइल तुर्की में भीषण भूकंप से लगभग 30000 से बेसी आदमी आपन जान गंवा देले रहे । भारत सरकार कईले रहे खूब मदद ,तुर्की के राष्ट्रपति भारत के “दोस्त ” कहले रहले। अब नया में एगो अउर खबर बड़ा वायरल हो रहल बा। दरअसल तुर्की भूकंप के बारे में पहिलहीं भविसवानी करे वाला वैज्ञानिक भारतीय उपमहाद्वीप के लेके एगो नया भविसबानी कईले बाड़े ।
फ्रैंक हूगरबीट्स भारतीय उपमहाद्वीप में बड़हन भूकंप आवे के दावा कईले बाड़े। हूगरबीट्स के मोताबिक ई भूकंप हिंद महासागर क्षेत्र पs माने भारत-पाकिस्तान सहित अफगानिस्तान के अगरी-कगरी के इलाकन में आ सकत बा ।तुर्कि में आइल भयानक भूकंप एह समय चर्चा के विषय बनल बा । अब तुर्कि में आइल भूकंप के संगे डच शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स के भी नाव के जिकिर खूब हो रहल बा । शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स तुर्कि आ ओकर पड़ोसी क्षेत्रन में खतरनाक भूकंप के बारे में भविष्यवाणी कईले रहले, बता दिहीं कि तुर्कि में आईल भूकंप से अब तक करीब 30,000 से बेसी लोग मारल जा चुकल बाड़े ।
अब एह घरी फ्रैंक हूगरबीट्स के एगो अउर वीडियो इंटरनेट पs सबकर ध्यान अपना ओर खींच रहल बा। फ्रैंक हूगरबीट्स एह वीडियो में भारतीय उपमहाद्वीप में बड़हन भूकंप आवे के दावा कई रहल बाड़े । फ्रैंक हूगरबीट्स ईहो कह रहल बाड़े कि ई भूकंप हिंद महासागर क्षेत्र पs यानी भारत-पाकिस्तान सहित अफगानिस्तान के अगरी-कगरी के कई गो इलाकन में आ सकत बा ।
Let me be clear: the purple bands do NOT indicate a potential rupture zone (sic). They mark regions at the time of atmospheric fluctuations relative to the Sun and a larger tremor may occur in or near that band. I explained this multiple times in videos. No room for wild ideas. https://t.co/3kTM6x9p9M
— Frank Hoogerbeets (@hogrbe) February 8, 2023
के हs फ्रैंक हूगरबीट्स?
फ्रैंक हूगरबीट्स सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे माने SSGEOS खातिर काम करेले । फ्रैंक हूगरबीट्स ग्रहन के चाल के आधार पs भूकंप के भविष्यवाणी करेले । SSGEOS एगो शोध संस्थान हs, जवन भूकंप के गतिविधि के अनुमान लगावे खातिर आकाशीय पिंडन जईसे ग्रहन के निगरानी करेला ।
तुर्किए में आइल भूकंप पs फ्रैंक हूगरबीट्स का कहले रहले?
फ्रैंक हूगरबीट्स तुर्किए में आवे वाला भूकंप के भविष्यवाणी कईले रहले। फ्रैंक हूगरबीट्स ईहो बतवले रहले कि भविष्यवाणी करे से पहिले उ पूरा रिसर्च कईले रहले । रिसर्च से उनका ई अनुमान लाग गइल रहे कि ओहिजा कुछ भूकंप संबंधी गतिविधि होखे वाला बा । एही से उ सोचलें कि कवनो घटना घटित होखे से पहिले लोगन खातिर चेतावनी जारी करे के चाहि । जवना से कम से कम जानमाल के नोकसान हो सके।
फ्रैंक के दावन के काहेँ मानल जा रहल बा गलत?
सोशल मीडिया पs फ्रैंक के दावन पs कई तरह के सवाल उठावाल जा रहल बा। एह पs फ्रैंक के ई कहनाम बा कि भूकंप के लेके भविष्यवाणी के सैद्धांतिक तौर पs सही ना मानल जाला । ओहिजे अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करे वाला लोगन के कहनाम बा कि आज तक ले कवनो वैज्ञानिक कवनो भूकंपके भविष्यवाणी नइखे कईले । दरअसल वैज्ञानिक भविष्यवाणी करे खातिर जे विधि के इस्तेमाल कइल जाला ओकरा के लेके कई तरह के विवाद बा ।
तs का फ्रैंक के दावा से डरे के जरूरत बा!
सोशल मीडिया पs फ्रैंक से भूकंप आवे के तारीख आ समय के लेके भी सवाल कइल जा रहल बा , एह पs फ्रैंक कहत बाड़े कि वैज्ञानिक खाली साल भर के भीतर भूकंप आवे के अंदाजा लगा सकत बाड़े । हम तारीख समय आ सटीक लोकेशन के जानकारी देबे में सक्षम नईखी ।
फ्रैंक हूगरबीट्स ईहो कहलें कि उनकर संस्था इतिहास में आइल भीषण भूकंपन के बारे में रिसर्च कइले बिया। उनकर संस्था ग्रहन के स्थिति देखि के भूकंप के अंदाजा लगावे ले।
फ्रैंक हूगरबीट्स कहले कि इतिहास में आइल बड़का भूकंपन के अध्ययन कइके हमनी के एगो पैटर्न ढूंढेनी जा जवना से भविष्य में आवे वाला बड़हन भूकंपन के अनुमान लगावल जा सकेला । रिसर्चर के मोताबिक ई बहुत अच्छा तरह से काम करेला। ओहिजे मुख्यधारा के वैज्ञानिक ग्रहन के प्रभाव के वजह से भूकंप के आवे के गलत मान रहल बाड़े।
अफ्गानिस्तान आ भारत-पाकिस्तान में आ सकत बा भूकंप
फ्रैंक अफगानिस्तान, पाकिस्तान आ भारत के साथ हिंद महासागर क्षेत्र तक शक्तिशाली भूकंप आवे के भी भविष्यवाणी कइले बाड़े। फ्रेंक खुद कहत बाड़े कि ई साफ नइखे कि अफगानिस्तान से शुरू होके भूकंप हिंद महासागर तक जाई । फ्रैंक इहो साफ कइले बाड़े कि भविष्यवाणी के लेके अभी तनिका भ्रम के स्थिति बा । फ्रैंक ईहो बतवले कि हो सकत बा कि ईहो भूकंप 2001 के लेखा भारत पs आपन असर डाले, बाकिर अभी कुछुओ निश्चित तउर पs कहल नईखे जा सकत ।
भारतीय वैज्ञानिक लोगन के संगे आपन ज्ञान साझा करे के तईयार बाड़े फ्रैंक
फ्रैंक के कहनाम बा कि वर्तमान में उनका पास तकनीक के विस्तार के लेके कवनो साधन नइखे । फ्रैंक बतवले कि उ तुर्की के वैज्ञानिक लोगन से संपर्क कइले रहले , कुछ वैज्ञानिक लोगन के एह में दिलचस्पी रहे,लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिकन के एह में कवनो रुचि ना रहे । फ्रैंक कहले कि उनका के सीरिया से कुछ हद तक पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलल बा। भारतीय वैज्ञानिकन के बारे में पूछला पs फ्रैंक कहले कि अगर भारत सरकार उनका से संपर्क करत बिया, तs उ अपना ज्ञान के साझा करे खातिर तईयार बाड़े ।
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