मामला के खुलासा तब भइल जब एनएचएआई के ओर से 2020 में दायर मध्यस्थता अधिकरण के फाइल कुछ दिन पहिले मौजूदा जिला मजिस्ट्रेट के सामने आइल। एह वाद में एनएचएआई अभिनिर्णय अउर भुगतान पs प्रश्नचिह्न लगवले रहनें। तब जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार मिश्र एडीएम न्यायिक राजकुमार द्विवेदी के अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी से जांच करावल गइल। जांच में सोझे आइल कि मुआवजा वितरण में गड़बड़ी नाइ कइल जात त एनएचएआई के 380 करोड़ रुपया बच जाइत। हालांकि एह मामिला में राजस्व विभाग के कौनो अफसर बोले के तैयार नाइ बा।
राजस्व विभाग के अफसर अइसे कइलें खेल
जांच टीम में शामिल एक अफसर नाम न छपले के शर्त पर बतवलें कि राजस्व विभाग के तत्कालीन अफसर जगदीशपुर बाईपास पर स्थित 95 हेक्टेयर अउर मुसाफिरखाना बाईपास पर 39 हेक्टेयर कृषि भूमि के स्वामी एनएच के रेट से भुगतान कर एनएचएआई के बड़ आर्थिक क्षति पहुंचवलें। प्रथम दृष्टया एकर प्रमाण भी मिलल बा।