एक करोड़ 41 लाख के फल खा गइलें लइके, बीएसए मंगलें तीन करोड़ 82 लाख के बजट, पढ़ीं कि का बा पूरा मामला

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फतेहपुर जिला में  शिक्षकन के एक करोड़ 41 लाख 37 हजार तनखाह से परिषदीय स्कूलन के बच्चे फल खा गइलें। सत्र के शुरुआत से ही बजट के अभाव में शिक्षक अपने तनखाह से बचवन के फल बांट रहल बानें। बीएसए पूरा सत्र खातिर तीन करोड़ 82 लाख 53 हजार 948 के फल बजट मंगले बानें।

जिला के परिषदीय स्कूलन में तीन लाख चार हजार लइके पढ रहल बानें। एह बचवन के प्रति दिन तय मेन्यू के तहत दोपहर के पकल पकावल भोजन खियावल जाला। प्रत्येक सोमार के लइकन के एक ताजा फल देहले के प्रावधान बा। फल वितरण खातिर प्रति बच्चा मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण चार रुपया भुगतान करsला।

31 मार्च के बाद शासन फल बजट के नाम पर फूटी कौड़ी नइखे देहले। अइसन में शिक्षक बचवन के अपने तनखाह से फल बांट रहल बानें। पहिला अप्रैल से 31 अगस्त तक कुल 17 कार्य दिवस में शिक्षक एक करोड़ 41 लाख 37 हजार 319 रुपया  के फल लइकन के खिया चुकल बाने।
एह दौरान फल बजट के नाम से स्कूलन के एक फूटी कौड़ी तक नइखे मिलल। अइसे में अब परिषदीय स्कूलन के बचवन के सप्ताह में एक दिन मिले वाले फल वितरण पs संकट पैदा होखले के स्थिति पैदा हो रहल बा।  अभिन ले बेसिक शिक्षा विभाग में फल बजट के कौनो व्यवस्था नइखे।
ओंने, बेसिक शिक्षा विभाग बुध के मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण से फल बजट खातिर मांगपत्र भेजले बानें। बीएसए संजय कुमार कुशवाहा के कहनाम बा कि शासन से तीन करोड़ 82 लाख 53 हजार 948 रुपया फल बजट मांगल गइल बा। एह धनराशि के सत्र के सब 46 कार्यदिवस में बचवन के फल के व्यवस्था हो पाई।

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