Chardham Yatra 2023: चुनौतियन के सड़क पs होई चारधाम के सफर, ब्लैक स्पॉट तक दुरुस्त नइखे
बदरीनाथ हाईवे चमोली जिला में भूधंसाव से जूझ रहल जोशीमठ के बीच से गुजरेला। जोशीमठ में हाईवे के लगभग 12 किमी हिस्सा बा, जवन भूधंसाव से प्रभावित बा। दरारन के बीआरओ मिट्टी आ मलबा से भर रहल बा।
Chardham Yatra 2023: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा सुरू होखे में अब मात्र 25 दिन बांचल बा। एकरा के देखत सरकारी मशीनरी यात्रा के सुरक्षित बनावे में जुटल बा। चारो धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री आ यमुनोत्री के जोड़े वाला हाईवे के क्षतिग्रस्त हिस्सन के दुरुस्त करे के संगे दुर्घटना संभावित स्थलन पs सुरक्षा के इंतजाम खातिर काम सुरू कs दिहल गइल बा। एकरा बादो चुनौती बरकरार बा। कइयन जगहन पs नया भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय हो गइल बा। राजमार्गन के बड़ हिस्सा पs अभियो यातायात संकेतक, पैराफिट आ क्रैश बैरियर लगावल जाये के बा। ब्लैक स्पॉटो दुरुस्त नइखे भइल। ओह पs निर्माण काम के गतियो धीरे बा। गौर करे वाला बात बा कि यमुनोत्री आ गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रिल, केदारनाथ धाम के 25 अप्रिल आ बदरीनाथ धाम के 27 अप्रिल के खोलल जाई।
जोशीमठ में 20 से जादे जगहन पs धंस रहल बा राजमार्ग
बदरीनाथ हाईवे चमोली जिला में भूधंसाव से जूझ रहल जोशीमठ के बीच से गुजरेला। जोशीमठ में हाईवे के लगभग 12 किमी हिस्सा बा, जवन भूधंसाव से प्रभावित बा। दरारन के बीआरओ मिट्टी आ मलबा से भर रहल बा।
यमुनोत्री धाम सबसे जादे चुनौती
उत्तरकाशी इस्थित यमुनोत्री धाम के जोड़े वाला यमुनोत्री हाईवे हs। धरासू से जानकीचट्टी तक 110 किमी लमहर एह हाईवे पs धरासू, फेड़ी, सिलक्यारा आ किसाला से कुथनौर के बीच आल वेदर रोड निर्माण के दौरान भूस्खलन क्षेत्र बन गइल बा। ओजरी से जानकीचट्टी के बीच दस गो भूस्खलन क्षेत्र बा। एकरा अलावे सात बड़ भूस्खलन क्षेत्र (कुथनौर पुल, पालीगाड, डाबरकोट, असनौलगाड, नगेला गदेरा, झंजरगाड आ फूलचट्टी बैंड) बा। पालीगाड से जानकीचट्टी के बीच 15, जबकि सिलक्यारा से जंगलचट्टी के बीच दस ब्लैक स्पाट बा।
केदारनाथ धाम
76 किमी लमहर रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड (केदारनाथ) हाईवे पs 13 भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय बा। कुंड से गुप्तकाशी तक हाईवे लगातार धंस रहल बा। जवाड़ी बाईपास में मोटर पुल के लगे हाईवे संकरा बा। मार्ग पs दु दर्जन ब्लैक स्पाट बा।
बदरीनाथ धाम
चमोली जिला में गौचर से बदरीनाथ हाईवे के इस्थिति बदहाल बा। गौचर से बदरीनाथ धाम के दूरी 131 किमी बा, जबकि गौचर से चमोली के दूरी 66 किमी बा। एह मार्ग पs 20 भूस्खलन क्षेत्र बा। कमेड़ा भूस्खलन क्षेत्र 30 से जादे बरिसन से परेसानी के सबब बनल बा। सिरोबगड़ से रुद्रप्रयाग तक कइयन हो डेंजर जोन बा, जहां बरखा होखते पहाड़ी से मलबा गिरल सुरू हो जाला। सिरोबगड़ में बरखा ना होखलो पs पहाड़ी से पत्थर गिरत रहेला। नरकोटा, खांकरा आ नौगांव में ब्लैक स्पाट बा। ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक एही हाईवे से आवाजाही होला।
यमुनोत्री राजमार्ग के बदहाल इस्थिति
गंगोत्री धाम गंगोत्री हाईवे उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड़ से गंगोत्री धाम तक 140 किमी लमहर बा। एमे से 52 किमी हिस्सा में कुछ डेंजर जोन बा। बाकी हाईवे के इस्थिति ठीक बा। इहां सबसे बड़ चुनौती नव बड़े भूस्खलन क्षेत्र (धरासू बैंड, रतूड़ी सेरा, बंदरकोट, नेताला, ओंगी, भाटूका, सौड़ मल्ला, स्वारीगाड, हेल्गूगाड) हs। धरासू से देवीधार तक आठ किमी क्षेत्र में दस से जादे ब्लैक स्पाट बा।
साभार: दैनिक जागरण
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