Chandra grahan: चंद्र ग्रहण के दिन मंगल, शनि, सूर्य राहु आमने-सामने, वृष, मिथुन, कन्या, तुला आ वृश्चिक राशि प बेसी असर

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साल के आखिरी चंद्र ग्रहण कार्तिक मास के पूर्णिमा माने 8 नवंबर को लागी। ई भारत में आंशिक सहित कई देशन में देखल जा सकी। सूतक सबेरे आठ बजकर बीस मिनट से लाग जाई। एह दौरान धार्मिक भा शुभ कार्य ना हो सकी। कइयन गो राशि वालन प एकर प्रभाव संभावना बा।

हरि ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा आ आरपीएम मंदिर के पुजारी आ ज्योतिषाचार्य केशव दत्त जोशी बतवलें ई चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दुपहरिया 2 बजकर 41 बजे शुरू होई आ साँझ के 6 बजके 18 मिनट प मोक्ष होई। भारत में ई साँझ 5 बजके 32 मिनट से साँझ 6 बजके 18 मिनट ले नजर आई। ऊ बतवलें ग्रहण से पहिले सबेरे 8 बजके 20 मिनट से सूतक शुरू हो जाई। साल के आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लागी। एकर वृष, मिथुन, कन्या, तुला आ वृश्चिक राशि प बेसी असर रही। एह राशि वालन के संभर के रहे के होई। एह लोगन के सेहत, आर्थिक, करियर आ कारोबार प विपरित प्रभाव पड़ सकत बा।

चंद्र ग्रहण प ग्रहन के चाल

चंद्र ग्रहण के दिन ग्रहन के सेना पति मंगल, शनि, सूर्य राहु आमने-सामने होई। अइसे में भारत के कुंडली में तुला राशि प सूर्य, चंद्रमा, बुध आ शुक्र के युति बन रहल बा। एकरा अलावे शनि कुंभ राशि में पंचम आ मिथुन राशि में नवम भाव प मंगल के युति विनाश कारी योग बना रहल बा। चंद्र ग्रहण के अइसन संजोग बहुते अशुभकारी मानल जा रहल बा।

चंद्र ग्रहण में करीं उपाय:-

चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा आ भगवान के धेयान करीं,एह तरे देवता के पूजा के शुभ मानल जाला।  चंद्र ग्रहण में कुछुओ खाये-पीये से बचे के चाहीं। एह दौरान हमनी के अगरी-कगरी कई तरे के बैक्टीरिया पैदा हो जाला जवन हमनी के देह मे जा सकत बा। खास बात इ बा कि चंद्र ग्रहण के दिन गंगा में स्नान क के दान कइल बहुते शुभ मानल गइल बा।

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