साहित्य गोरखपुर: सामाजिक समरसता के परब हs छठ पूजा Nov 12, 2024 गोरखपुर। 'भोजपुरी संगम' के 177 वीं मासिक 'बइठकी' छठ परब पs केंद्रित रहल। बइठकी के पहिला सत्र में 'लोक परंपरा में छठ' विषय प चरचा भइल। एमे भाग लेत…
कविता गजल : जिनगी भर बस ईहे काम कइलन स (मनोज भावुक) Nov 3, 2024 ऊ नामी आदमिन के साजिशन बदनाम कइलन स एही तिकड़म से सारे खूब नू चर्चा में अइलन स। केहू पूछल ना ओकनी के त एगो काम कइलन स खुदे संस्था…
स्पेशल स्टोरी पहिला छाप साहित्य उत्सव के तइयारी पूरा, साहित्य प्रेमियन के जुटान आउर बतकही से जमी महफिल Oct 17, 2024 सरायकेला। साहित्य कला फाउंडेशन आ सरायकेला खरसावां प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में 18 एवं 19 अक्टूबर को आयोजित हो रहल छाप साहित्य उत्सव में साहित्य,…
साहित्य भोजपुरी जन जागरण अभियान के अध्यक्ष डॉ. संतोष पटेल बिहार के विपक्षी दलन के समूह महागठबंधन के आभार… Oct 17, 2024 भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा के मांग करे खातिर भोजपुरी जन जागरण अभियान के अध्यक्ष डॉ. संतोष पटेल बिहार के विपक्षी दलन के समूह महागठबंधन के आभार जतवलें।…
स्पेशल स्टोरी 18 आ 19 के आयोजित होई पहिला छाप साहित्य उत्सव, जुटी दिग्गजन के भीड़ Oct 16, 2024 सरायकेला। साहित्य कला फाउंडेशन आ सरायकेला खरसावां प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में दु दिवसीय छाप साहित्य उत्सव के आयोजन 18 आ 19 अक्टूबर के आदित्यपुर…
स्पेशल स्टोरी Bhojpuri Sangam: भोजपुरी रचना कर्म के समकालीनता के लेके सचेत रहला के जरूरत : प्रो. राजेश Oct 14, 2024 गोरखपुर। भोजपुरी में फूहड़ता एगो कलंक हs। भोजपुरी रचना कर्म के समकालीनता के लेके सचेत रहला के जरूरत बा। तबे ई आउर बाकी विकसित भाषा के बराबर खड़ा रह…
कविता भोजपुरी के खांटी शब्दन के ‘रखवार’ हवे अरविंद अकेला Sep 10, 2024 गोरखपुर। कवि/कहानीकार अरविंद अकेला भोजपुरी के खांटी शब्दन के 'रखवार' हवें। एकर जानकारी उनकर भोजपुरी कवितन आ कहानियन के पढ़ला-सुनला से होला। एई…
कविता काव्य गोष्ठी “आरंभ: एक आगाज” के भइल आयोजन, दिखल नवहा कवियन के प्रतिभा Sep 9, 2024 गोरखपुर। शहर के बेतियाहाता इस्थित एगो निजी होटल में एगो काव्य गोष्ठी 'आरंभ: एक आगाज' के आयोजन अतवार के कइल गइल। एह साहित्यिक आयोजन के अध्यक्षता…
कविता अपना से अपनही के समझावल कला हऽ- अवनीश त्रिपाठी Aug 31, 2024 जज्बात के शब्दन में देखावल कला ह। अपना से अपनही के समझावल कला ह।। रुसे के त बिना बात रिसिया जाला लोग। खिसियाइल के जल्दी मनावल कला…