बिहार में जातीय जनगणना पs कैबिनेट के मुहर, 8 महीना में पूरा होई गिनती, 500 करोड़ के प्रावधान

Anurag Ranjan
बिहार में जातीय जनगणना पs नीतीश कैबिनेट के मुहर लाग गइल बा। सुक के सीएम नीतीश के अध्यक्षता में भइल कैबिनेट के बैठक में जातीय जनगणना समेत 14 फैसलन के हरिहर झंडी मिलल। आठ महीना के अंदर जातीय जनगणना पूरा करा लिहल जाई। बिहार सरकार अपना संसाधनन से गणना कराई।

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी कैबिनेट के फसीला के जानकारी देते बतवले कि कइयन गो स्तर पs गणना होई। सामान्य प्रशासन के मुख्य जिम्मेदारी दिहल जाई। जिला स्तर पs जिला प्रशासन एकर पदाधिकारी होंई लो। पंचायत स्तरो पs जिम्मेदारी तय होई। गणना खातिर 500 करोड़ के प्रावधान बिहार आकस्मिक निधि से कइल जाई। अगिला साल फरवरी के डेडलाइन तय कइल गइल बा।

बियफही के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अध्यक्षता में भइल सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से जातीय जनगणना के निर्णय लिहल गइल रहे। बिहार में सब धर्मन के जातियन आ उपजातियन के गिनती के फसीला लिहल गइल बा। सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम इहों घोषणा कइले रहस कि बहुते कम समय के सीमा निर्धारित कs के जाति आधारित गणना पूरा होई। एकरा खातिर बड़े पैमाना पs तेजी से काम होई।

भाजपा के बा तीन गो आशंका 

बिहार में होखे वाला जातीय जनगणना के लेके भाजपा के जवन तीन गो आशंका बा, ओमे पहिला आशंका बा कि जातीय आ उप-जातीय गणना के वजह से कवनो रोहिंग्या आ बांग्लादेशी के नाम जुड़ जाव। बाद में ऊ एकरे आधार पs नागरिकता के आधार ना बनावे।

मुस्लिम समुदाय में पिछड़न के संरक्षण होखे

संजय जायसवाल के दूसरका आशंका ई बा कि सीमांचल में मुस्लिम समाज में ई बहुतायत देखल जाला कि अगड़ा शेख समाज के लोग शेखोरा भा कुलहरिया बन के पिछड़न के हकमारी करे के काम का करेला लो। इहो गणना करे वाला लोग के देखे के होई कि मुस्लिम में जे अगड़ा बा ऊ एह गणना के आड़ में पिछड़ा भा  अति पिछड़ा ना बन जाव। अइसन हजारन गो उदाहरण सीमांचल में मवजूद बा, कारण बिहार के सब पिछड़न के हकमारी होला।

जातियन के संख्या के लेके जतवले आशंका

तीसरका आशंका ई बा कि भारत में सरकारी तौर पs 3747 जाति बा आ केंद्र सरकार खुद सुप्रीम कोर्ट के हलफनामा में बतवले कि 2011 के सर्वे में 4:30 लाख जातियन के विवरण जनता देले बिया। ई बिहारो में ना होखे एकरा खातिर सब सावधानी बरते के आवश्यकता बा।

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सिविल इंजीनियर, भोजपुरिया, लेखक, ब्लॉगर आ कमेंटेटर। खेल के दुनिया से खास लगाव। परिचे- एगो निठाह समर्पित भोजपुरिया, जवन भोजपुरी के विकास ला लगातार प्रयासरत बा। खबर भोजपुरी के एह पोर्टल पs हमार कुछ खास लेख आ रचना रउआ सभे के पढ़े के मिली। रउआ सभे हमरा के आपन सुझाव anuragranjan1998@gmail.com पs मेल करीं।