भोजपुरी कहानियन के घरे-घरे चहुपवले के काम कs रहल बा यायावरी वाया भोजपुरी मोबाइल ऐप

कुमार आशू

अगर रउवा कहानी के शौकीन बानी त रउवा कहानी जरूर पढ़ले आ सुनले होखब लेकिन अगर रउवा एह कहानी के अपना जबान, अपना बोली, अपना भाषा भोजपुरी में सुने के मन करे त ? भोजपुरी के ऐप ‘यायावरी वाया भोजपुरी’ रउआ इच्छा के आकार दे रहल बा।

ईश्वर बृज फाउंडेशन के तहत गोरखपुर के बृजेश्वर मणि त्रिपाठी, गौरव मणि त्रिपाठी, क्षमा त्रिपाठी, सुधीर मिश्रा, अनुराग रंजन, आशुतोष तिवारी आ शिवांगी पाठक के टीम ‘यायावरी वाया भोजपुरी’ ऐप के शुरुआत कइले बानें लोग, जवना में ना खाली भारतीय साहित्य बलुक अमेरिकी , यूरोपीय, सोवियत संघीय लोककथा आ दुनिया के बेहतरीन कहानी हमनी के आपन लोकभाषा, भोजपुरी में सुनल जा सकेला।

यायावरी वाया भोजपुरी दुनिया के अइसन अकेल संस्था ह जवन एह अनोखा तरीका से भोजपुरी के लोग ले पहुंचे के कोशिश कइले बा। डिजिटल युग में भोजपुरी भाषा के प्रति एह पहल के हर स्तर पर सराहना मिल रहल बा.

ई भोजपुरी संस्था लगातार एह भाषा के अश्लीलतामुक्त बनावे में लागल बा. एह कड़ी में एकर यूट्यूब चैनल पर श्रोता लोग के बीच भवानी, कवने करनवाँ, पिरितिया के हारल जइसन गाना मौजूद बा।

Share This Article