बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के प्रगति में तेजी ले आवे खातिर सरकार एगो नया तंत्र विकसित करे जा रहल बिया। महिला आ बाल विकास मंत्रालय जिलन के प्रदर्शन के रैंक करे आ ओकरा अनुसार ओकनी के प्रोत्साहित करे के तइयारी कs रहल बिया। 2015 में सुरू कइल गइल एह अभियान के उद्देश्य भारत में बाल लिंगानुपात के बढ़ावल आ लईकियन आ महिलन के जिनगी के सशक्त बनावल बा।
516 जिलन में जन्म के समय लिंग अनुपात WHO मानक से कम
देस में जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) 2014-15 में 918 से सुधरके 2019-20 में 934 हो गइल बा, बाकिर ई अभियो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतरराष्ट्रीय मानक 952 से नीचे बा।
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़न से पता चलल बा कि 516 जिलन में जन्म के समय लिंग अनुपात डब्ल्यूएचओ मानक से कम बा आ 169 जिलन में अभियो एसआरबी 918 से कम भा ओकरा बराबर बा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल के तहत जिलन के धन ओकरा एसआरबी स्थिति पs जारी कइल जाला।
जाने का बा मंत्रालय के लक्ष्य?
918 से कम भा ओकरा बराबर एसआरबी वाला जिलन के अतिरिक्त सहायता मिलेला। मंत्रालय के लक्ष्य लईकियन आ महिलन के कल्याण के बढ़ावा देवे में जिलन द्वारा कइल गइल प्रगति के आकलन कइल आ प्रोत्साहित कइल बा।
एमे लईकियन के सुरक्षा, अस्तित्व, स्वास्थ्य, शिक्षा आ समग्र विकास के सामिल करत व्यापक विषयन में वर्गीकृत कइल जाई। जिला स्कोरकार्ड के आधार पs मंत्रालय वार्षिक जिला बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रैंकिंग जारी करी।