बढ़त ठंडी बढ़वलस रोडवेज यात्रियन के दिक्कत, टूटल कांच वाली खिड़कियन से बस में आवsता सर्द बेयार
ठंडी बढ़ले के सथही रोडवेज यात्रियन के दिक्कतो बढ़ गइल बा। रोडवेज के कई बस के खिड़कियन के कांच टूटल होखले से यात्रियन के सफर में सर्द बेयार के सामना करे के पड़sता। लेकिन, रोडवेज प्रशासन यात्रियन के ठंड से बचावे खातिर कौनो ठोस कदम नइखे उठावत।
परिवहन निगम के अधिकतर बस जर्जर हालत में बा, ई सब मानको पर खरा नाइ बानें सब। इहे हाल अनुबंधित बस का भी बा। यात्री अइसन बस से यात्रा करे के मजबूर बानें जिनकर खिड़कियन के कांच टूटल बा चाहे बंद नाइ होला। कई बस के वाइपर काम नइखे करत जेसे बस चलवला में चालकन के भी काफी परेशान होखे के पड़ रहल बा।
पिछले 15 दिन से ठंड बढ़ गइल बा, बावजूद एकरे जर्जर बस के मरम्मत खातिर कौनो व्यवस्था नइखे कइल गइल। सबसे खराब स्थित अनुबंधित बस के बा। नियमानुसार प्रतिदिन बस के धोआई अउर सफाई अनिवार्य बा।
गोरखपुर परिक्षेत्र में 755 बस में 470 बस निगम के बा। ओमें लगभग 205 बस आपन उमिर पूरा कs चुकल बा। करीब 80 बस नीलाम करे जोग्य बानें सब। मानक के अनुसार ई बस अब चले लायक नाइ बानें सब। बावजूद एकरे मरम्मत कs के ई सब बस चलावल जा रहल बा। निगम के न नया बस मिलsता अउर न अनुबंधित बस के संख्या बढ़ पावsता।
आरआई राघव कुशवाहा कहनें कि जांच के दौरान बस के इंजन के स्थिति, खिड़कियन के कांच, लाइट, वाइपर, सीट, रंग, फायर सामग्री, तत्काल चिकित्सा बॉक्स, इंडीकेटर आदि के जांच कइल जाता। एह बिंदुअन पर बस खरा होखले पर ही चलले के अनुमति दीहल जाई।
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