शाह बोललें- राहुल गांधी मणिपुर जाके नाटक कइलें: राज्य में हिंसा शर्मनाक, ओह पs राजनीति ओकरो से जादे शर्मनाक
संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पs दूसरका दिन के बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर पs बात कइलें। ऊ कहलें- राहुल गांधी मणिपुर गइल रहस। ऊ कहलें हमरा चुराचांदपुर जाये के बा। सेना कहलस- हेलिकॉप्टर से जाई। ऊ ना मनलें। तीन घंटा ऑनलाइन आके नाटक कइलें, फेर लवट गइलें।
अगिलो दिन फेर हेलिकॉप्टर से गइलें। पहिलके दिन ऊ हेलिकॉप्टर से जा सकत रहलें, बाकिर उनका राजनीति करे के रहे।
हम उहां तीन दिन आ तीन रात रहनी। हमार साथी नित्यानंद 23 दिन रहलें। हमनी के जांच खातिर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के कमेटी बनवलें बानी सs। एमे आईपीएसो बा लो। आजो मैतेई आ कुकी के गुस्सा शांत नइखे भइल, बाकिर हमनी के फोर्स लगा के रखले बानी सs, एहिसे उहां शांति बा।
मणिपुर में जवन भइल शर्मनाक बा। ओह पs राजनीति कइल ओकरो से जादे शर्मनाक बा। नरसिम्हा राव पीएम रहस, तबो मणिपुर में 700 लोग मारल गइल, बाकिर पीएम उहां ना गइलें।
हमनी तs खुद चरचा खातिर स्पीकर के लिखनी सs
शाह कहलें- ई कहल जा रहल बा कि हमनी के मणिपुर पs चरचा नइखी सs चाहत, बाकिर सदन सुरू होखे से पहिले हमनी के एह पs चरचा खातिर स्पीकर के लिखले रहनी सs। विपक्ष चरचा नइखे चाहत, उ खाली विरोध कइल चाहत बा। मणिपुर जइसन मुद्दा पs रउआ गृहमंत्री के नइखी बोले दे रहल। रउआ सभे हमनी के चुप नइखी करा सकत, हमनी के सुने के पड़ी।
म्यांमार बॉर्डर के फेंसिंग कइल जा रहल बा
2021 में म्यांमार में सत्ता बदलल। उहां मिलिट्री सरकार गिर गइल। उहां कुकी डेमोक्रेटिक फ्रंट आंदोलन कइलस तs मिलिट्री सरकार दबाव बनवलस। हजारन के संख्या में कुकी आदिवासी मणिपुर के जंगलन में बसे लागल। हमनी के सुरक्षा के लिहाज से फ्री बॉर्डर के बंद करे के फैसला लेनी सs। 10 किलोमीटर फेंसिंग हो चुकल बा। 7 किमी के काम जारी बा।
अफवाह आ हाईकोर्ट के फैसला आग में घी डललस
जनवरी से हमनी के शरणार्थियन के परिचय देहल सुरू कइनी सs। बायोमेट्रिक परिचय लेके ओह सभन के नाम वोटर लिस्ट आ आधार लिस्ट से हटावल गइल। एही दौरान अफवाह फइलल कि शरणार्थियन के बसाहट के गांव घोषित कs दिहल गइल। एकरा बाद हाईकोर्ट के एगो फैसला आइल। ई आग में घी डाले के काम कइलस। उहां एगो जुलूस निकलल। एह पs पथराव भइल। एकरा बाद बनल इस्थितियन से क्लैश भइल, जवना के बाद जवन भइल उ सभे देखल।
1993 में हिंसा भइल, PM नरसिम्हाराव मणिपुर ना गइलें
1993 में पीवी नरसिम्हाराव प्रधानमंत्री रहस। मणिपुर में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहस। ओह समय नगा-कुकी संघर्ष भइल। 700 लोग मारल गइल। तबो प्रधानमंत्री उहां ना गइल रहस। हमनाम बोलल नइखी चाहत। गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड में सामिल बा कि के एमे सामिल बा।
2004 में मनमोहन सिंह के सरकार थी, तब उहां 1700 सेजादे लोगन के एनकाउंटर भइल। मणिपुर में जवन भइल उ नस्लीय हिंसा हs। एह पs राजनीति ना होखे के चाहीं
CM के सहजोग, फेर काहे लागे राष्ट्रपति शासन
मोदी जी रात मैं हमरा के फोन कs के उठवलें। हमनी के कइयन गो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कइनी सs। उहां के अफसर बदलल। हमनी के DGP बदलनी सs, चीफ सेक्रेटरी बदलल, बाकिर सीएम हमनी के सहजोग कइलें। एहिसे उहां राष्ट्रपति शासन ना लगावल गइल। राष्ट्रपति शासन तब लागेला, जब राज्य सरकार सहजोग ना करे।
शवन के दफनावे खातिर ITLF जगह बदले के तइयार भइल बा
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के एगो प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्री से नई दिल्ली में मुलाकात कइलस। ITLF नेता लोग शवन के दफनावे खातिर सरकारी सेरीकल्चर फार्म में उद्योग विभाग के जमीन देवे के मांग कइलस। सरकार प्रतिनिधिमंडल से अनुरोध कइलस कि ऊ ओहि स्थान पs शव दफनावे पs जोर ना देवे। ई संघर्ष क्षेत्र में आवेला आ डीसी चुराचांदपुर से चरचा कs के दोसर स्थान तय करे। एकरा खातिर प्रतिनिधिमंडल अनुरोध के मान लेले बा।
हिंसा में 131 लोग गंवा चुकल बा जान
मणिपुर में 3 मई से कुकी आ मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा में अब तक 131 लोगन के मौत हो चुकल बा। ओहिजा 419 लोग घायल भइल बा। 65,000 से बेसी लोग आपन घर छोड़ चुकल बा। आगजनी के 5 हजार से जादे घटना भइल बा। 6 हजार ममिला दर्ज भइल बा।
साभार: दैनिक भास्कर
Comments are closed.