वोट दिहला के बाद अंगुरी प लागल स्याही जल्दी काहे ना छुटेला ? जानी का कारण बा

Raj Nandani

पिछला 62 साल से हर चुनाव का दौरान एह स्याही के इस्तेमाल हो रहल बा । जदी हमनी के एह स्याही के दाम के बात करीं स त एक बोतल स्याही के दाम लगभग 127 रुपया बा आ एक बोतल में लगभग 10 मिलीलीटर स्याही होखेला। एक लीटर चुनावी स्याही के भाव 12,700 रुपया बा।

भारत में इ स्याही के निर्माण सिर्फ एगो कंपनी मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड के ओर से करेले। शुरू में एह स्याही के इस्तेमाल लोकसभा आ विधानसभा चुनाव के दौरान ही होखत रहे, बाकी बाद में नगर निकाय आ सहकारी संस्था के चुनाव में भी एकर इस्तेमाल होखे लागल।

एह नील रंग के स्याही के इस्तेमाल 1962 के चुनाव के संगे होखे लागल। भारत के पहिला चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन एह स्याही के चुनाव में शामिल करे के सुझाव देले रहले। एह से एक बेर लगावे के बाद आसानी से गायब ना हो जाला।

इ स्याही कम से कम 72 घंटा तक अँगुरी से ना निकलेला। एकरा अलावे जब पानी के संपर्क में आवेला त करिया हो जाला आ बहुत दिन तक चलेला।

Share This Article
Follow:
एगो भोजपुरिया चित्रकार, लेखिका आ भोजपुरी नवहा जेकर तन-मन अपना माई भाखा खातिर समर्पित बा। खबर भोजपुरी के पाठकन खातिर हम एहिजा देस-दुनिया, सिनेमा, राजनीति, स्वास्थ आ भोजपुरिया क्षेत्र के खबर रउआ सभे खातिर लेके आवेनी। रउआ सभे हमरा से rajnandani0021@gmail.com पs संपर्क कs सकेनी।