भोजपुरी संगीत में पहिला बेर भइल अनोखा प्रयोग, कल्पना पटवारी गजल के देली वेस्टर्न टच
Bhojpuri Music: लोकप्रिय गायिका कल्पना पटवारी संगीत में नया प्रयोग के हिमायती रहल बाड़ी। ऊ कुछ साल पहिले कोक स्टूडियो में लोक गीत ‘बिरहा’ कबमॉडर्न गाना के संगे अइसन फ्यूजन कइले रहली कि गाना जमके हिट भइल। अब 27 अक्टूबर के अपना जन्मदिन पs ऊ फेर से एगो नया प्रयोग के संगे हाजिर भइल बाड़ी। पहिला बेर भोजपुरी में ब्लूज प्रोग्रेशन म्यूजिक के इस्तेमाल भइल। ऊ मशहूर गजलकार मनोज भावुक के गजल ‘राह बाटे कठिन, मगर बाटे’ के स्वर देले बाड़ी।
ध्रुव घनेकर के एल्बम ‘वॉयेज 2’ से कल्पना पटवारी जुड़ल बाड़ी। जवना के ग्रैमी अवॉर्ड्स खातिर चरचा हो रहल बा। मनोज भावुक भोजपुरी के मशहूर सायर हवे। मनोज के उनका भोजपुरी गजल-संग्रह खातिर गीतकार गुलजार आ ठुमरी गायिका गिरिजा देवी के हाथन भारतीय भाषा परिषद के ओर से सम्मानित कइल जा चुकल बा। उनका के भोजपुरी साहित्य खातिर फिल्मफेयर आ फेमिना के ओर से सम्मानित कइल जा चुकल बा।
मनोज भावुक के गजल के देली वेस्टर्न टच
कल्पना पटवारी गाना ‘राह बाटे कठिन’ के अपना सोशल मीडिया अकाउंट पs रिलीज कइले बाड़ी। जवना के संगीत काकुल भराली तइयार कइले बाड़ें। गाना में एह अनोखा प्रयोग के लोग खूब पसंद कs रहल बा।
मनोज भावुक के गजल
राह बाटे कठिन, मगर बाटे
चाह बाटे अगर, डगर बाटे
होखे खपरैल भा महल होखे
नेह बाटे तबे ऊ घर बाटे
तींत भा मीठ जे मिलल हक में
ऊ त भोगे के उम्र भर बाटे
दर्द खउलत बा दिल के अदहन में
यार के घात के असर बाटे
बात ऊ सब भुला दीं, जवना से
जिन्दगानी भइल जहर बाटे
आखिरी मान के जिहीं हर पल
का पता कब ले ई सफर बाटे
काल्ह होई बिहान ए भावुक
ई अन्हरिया त आज भर बाटे
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