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‘इमोशनल’ रोबोट आ गइल बा, इंसान जइसन भाव महसूस करी, कबो हँसी, कबो क्रोध देखाई!

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वैज्ञानिक रोबोट बनवले बाड़े जवन कि इंसान के अधिकांश काम करेला। ई मशीन ना सिर्फ जल्दी काम कs सकेले बलुक भारी काम के संभाले में भी कवनो दिक्कत नइखे।

एगो समय रहे जब हमनी के छोट-बड़ काम खातिर इंसान पs निर्भर रहे के पड़े। विज्ञान के प्रगति के संगे हमनी के रोबोट से परिचय करावल गइल, जवन कि काम जल्दी पूरा कs सकता। इहे कारण बा कि हर इंडस्ट्री में इनकर इस्तेमाल हो रहल बा। ओह लोग के अइला के चलते हमनी के बहुते फायदा मिलल बा आ साथही बहुते नुकसान भी। हालांकि, अभी भी बहुत अइसन काम बा जवन कि रोबोट नइखे कs सकत बाकि इंसान कs सकता।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते रोबोट के इंसान के बहुत करीब ले आवल गइल बा। हालांकि अब कुछ अइसन होखता जवना के हमनी के कल्पना तक ना कइले रहनी। दुनिया के पहिला अइसन रोबोट बनावल गइल बा, जवना के दावा कइल जाता कि ई इंसान के भावना के समझे आ ओकरा मुताबिक प्रतिक्रिया देवे में सक्षम बा। ई काम हमनी के आपन पड़ोसी देश चीन के वैज्ञानिक लोग कइले बा।

ई रोबोट यांत्रिक ना बलुक ‘भावुक’ बा।

चीन अपना नया आविष्कार से हलचल मचवले बा। ऊ एगो रोबोट बनवले बाड़े जवना के नाम गुआंघुआ नंबर 1 बा, जवन कि सिर्फ मशीन ना हs बलुक इंसान के दुख आ पीड़ा में भी रह सकता। एकरा के विश्व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सम्मेलन में पेश कइल गइल। फुडान विश्वविद्यालय के बनावल ए रोबोट के खासियत ई बा कि ई इंसान के भावना के पहचान सकता आ अइसन प्रतिक्रिया दे सकता। एकरा भीतर चार गो भाव बा – सुख, क्रोध, उदासी आ आनन्द।

ई अनोखा मशीन बहुत उपयोगी बा

ए मशीन के निर्माता के दावा बा कि ई बुजुर्ग लोग खातीर बहुत फायदेमंद बा। फुडान विश्वविद्यालय के डिप्टी डीन गन झोंगक्स्यूए बतवले कि ई मानवरूपी रोबोट बुजुर्ग लोग के सेवा आ देखभाल खाती बनावल गइल बा, जवन कि स्वास्थ्य के साथी होई। एह से ना खाली ओह लोग के शारीरिक जरूरत के ध्यान राखल जाई बलुक ओह लोग के मानसिक आ भावनात्मक स्वास्थ्य के भी ध्यान राखल जाई। भावनात्मक बुद्धि वाला एह रोबोट के देख के लोग हैरान हो जाला।

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