एयरटेल के देवे के होई पांच लाख रूपिया जुर्माना, आयोग देलस आदेश
निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड पs पांच लाख रूपिया के जुर्माना लगावल गइल बा। मामला ग्राहक के उत्पीड़न से संबंधित बा। जिला उपभोक्ता न्यायालय के फैसला के राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग सही ठहरवले बा। ग्राहक के शिकायत के जांच के लेके ना त कवनो सबूत पेश कइले आ ना कवनो शिकायत दर्ज करवले।
दिल्ली जिला उपभोक्ता न्यायालय के ओर से ग्राहक के परेशान करे के आरोप में एगो निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता पs पांच लाख रूपिया के जुर्माना लगावे के फैसला के दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एससीडीआरसी) सही ठहरवले बा।
ग्राहक के आरोप बा कि, बकाया चुकावे के बावजूद फोन कॉल के माध्यम से परेशान करे आ सेवा बंद करे के आरोप में जिला आयोग पांच लाख रुपया के जुर्माना लगवले बा।
आयोग के कहनाम बा कि, सेवा प्रदाता ग्राहक के शिकायत के जांच के संबंध में ना तऽ कवनो सबूत पेश कइले बा, ना कवनो शिकायत दर्ज करवले बा। एकरा अलावे आयोग के कहनाम बा कि, ग्राहक से शिकायत मिलला के बादो फोन कइल बंद करे खातिर कवनो ठोस कदम ना उठावलस।
कंपनी सेवा देवे में लापरवाही कइले रहे
राज्य आयोग आपन फैसला में कहलस कि कंपनी ना खाली आपन सेवा देवे में लापरवाही कइले बिया बलुक आपन शक्ति के इस्तेमाल ग्राहक के परेशान करहु में करतिया। कोर्ट कहलस कि साल 2014 में जिला उपभोक्ता न्यायालय के फैसला में कवनो कमजोरी ना पावल गइल।
ईमेल के माध्यम से भइल संचार के संज्ञान में लेके आयोग कहलस कि कंपनी ना खाली आपन सेवा देवे में लापरवाही कइले बिया बलुक अपना इस्थिति के इस्तेमाल शिकायतकर्ता के परेशान करे में कइले बिया।
जिला उपभोक्ता अदालत पांच लाख के जुर्माना लगवले रहे
जिला उपभोक्ता अदालत सितंबर 2014 में अपना फैसला में पांच लाख रुपया के मुआवजा के प्रावधान कइले रहे। इहो निर्देश दिहल गइल कि उक्त राशि में से तीन लाख रुपिया राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष के दिहल जाव आ बाकी दू लाख रुपिया शिकायतकर्ता के दिहल जाव।
शिकायतकर्ता जसमीत सिंह पुरी (अब दिवंगत) के मार्च 2013 में कंपनी द्वारा सूचित कइल गइल रहे कि इंटरनेट आ फोन सेवा खातिर उनका ओर से 4,995 रूपिया के बिल खातिर जवन चेक भुगतान कइल गइल रहे, उऽ पर्याप्त धन के कमी के कारण बाउंस हो गइल रहे।
इंटरनेट सेवा बंद कऽ दिहल गइल
हालांकि, जसमीत जब कंपनी से बैंक से जांच करे के कहला के बावजूद भुगतान कइल प्राप्ति के कंपनी ना खाली स्वीकार करे में विफल रहल, बल्कि उनका के 7,549 रूपिया के भुगतान के मांग करे वाला कानूनी नोटिस भेजे से पहिले मई 2013 में उनकर इंटरनेट सेवाएं बंद कऽ देले।
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