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बाल दिवस’ काहे मनावल जाला? जानी इतिहास आ महत्व

बाल दिवस 2023 के इतिहास : बाल दिवस हर साल 14 नवम्बर के मनावल जाला। बचपन के दिन के याद करे के भी इ दिन एगो महत्वपूर्ण दिन हs। एह दिन भारत के पहिला प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के श्रद्धांजलि देवे के भी दिन हs। एकरा से जुड़ल इतिहास के बारे में बतावल जाव..

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बाल दिवस 2023 : बाल दिवस, जेकरा के ‘चिल्ड्रेंस डे’ भी कहल जाला, हर साल 14 नवंबर के पूरा भारत में मनावल जाला। बचपन के भावना के जश्न मनावे के दिन हs। आ भारत के पहिला प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के दिन हs। चाचा नेहरू के नाम से जानल जाए वाला पंडित जवाहरलाल नेहरू राजनीतिज्ञ से जादे रहले; ऊ एगो दूरदर्शी रहले जे युवा मन के विकास में विश्वास करत रहले।लइकन के प्रति उनकर समर्पण एतना मशहूर रहे कि उनकर जन्मदिन 14 नवम्बर के बाल दिवस के रूप में मनावल जाला। स्कूल, कॉलेज आ लइकन से जुड़ल दोसर संस्थान एह दिन के धूमधाम से मनावेलें।

बाल दिवस के इतिहास का बा?

जवाहरलाल नेहरू के जनम 14 नवम्बर 1889 के भइल रहे आ उनकर जनमदिन बाल दिवस के रूप में मनावल जाला। बाल दिवस के पहिली बेर 5 नवंबर 1948 के “पुष्प दिवस” ​​के रूप में मनावल गइल। बाल दिवस पहिला बेर 1954 में नेहरू के जन्मदिन –14 नवम्बर के मनावल गइल। नेहरू के जन्मदिन पs बाल दिवस मनावे के विचार 27 मई 1964 के उनुका निधन के बाद तेजी से बढ़ल। उनकर विरासत आ बाल अधिकार आ शिक्षा के वकालत के सम्मान में उनकर जन्मदिन के देश भर में बाल दिवस के रूप में मनावे के फैसला भइल। पहिला बाल दिवस 1964 में मनावल गइल।

महत्व

जवाहरलाल नेहरू एक बेर कहले रहले कि आजु के लइका काल्हु के भारत बना दीहें। बाल दिवस मनावे के पीछे के प्राथमिक विचार बा कि बच्चा के अधिकार, जरूरत अवुरी कल्याण के बारे में जागरूकता पैदा कईल जाए। बाल दिवस ओह क्षेत्रन के उजागर करे खातिर मनावल जाला जवना में देश के लइकन के अबहियो स्वास्थ्य सेवा आ शिक्षा के सुविधा नइखे। हालांकि बाल दिवस बचपन के मासूमियत अवुरी सुख के जश्न मनावे के तरीका हs।

बाल दिवस कईसे मनावल जाला?

देश भर के कई गो स्कूल बाल दिवस के धूमधाम से मनावल जाला। कुछ स्कूलन में शिक्षक लोग लइकन खातिर मनोरंजन कार्यक्रम के आयोजन करेला। बाकी लइकन के कबो कबो ओह लोग के स्कूल में स्नैक्स आ मिठाई दिहल जाला।

 

 

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