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तीस्ता सीतलवाड़ के जमानत याचिका पs SC के दु जजन के बीच मतभेद, CJI के लगे पहुंचल ममिला

गोधरा कांड के बाद भइल दंगन से जुड़ल ममिलन में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के जमानत देवे पs सुप्रीम कोर्ट के दु गो न्यायाधीशों में मतभेद हो गइल बा। एह ममिला के अब मुख्य न्यायाधीश के लगे भेज दिहल गइल बा। मालूम होखे कि एकरा पहिले सीतलवाड़ के जमानत याचिका खारिज करत गुजरात उच्‍च न्‍यायालय उनका के तुरंत आत्मसमर्पण करे के निरदेस देलस। 

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गोधरा कांड के बाद भइल दंगन से जुड़ल ममिलन में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के जमानत देला पs सुप्रीम कोर्ट के दु न्यायाधीशन में मतभेद हो गइल बा। एह ममिला के अब मुख्य न्यायाधीश के लगे भेज दिहल गइल बा। मालूम होखे कि एकरा पहिले सीतलवाड़ के जमानत याचिका खारिज करत गुजरात उच्‍च न्‍यायालय उनका के तुरंत आत्मसमर्पण करे के निरदेस देलस।

दु न्यायाधीशन के बीच मतभेद के बाद ममिला CJI के लगे पहुंचल

सीतलवाड़ के ममिला के अस्थायी सुरक्षा देला पs दु न्यायाधीशन के बीच मतभेद के बाद तीन न्यायाधीशन वाली पीठ के गठन खातिर देस के मुख्य न्यायाधीश के लगे तत्काल समीक्षा खातिर भेजल गइल बा। मालूम होखे कि कार्यकर्ता सितंबर से अंतरिम जमानत पs बाड़ी। हालांकि, जदि सुप्रीम कोर्ट में उनका याचिका पs सुनवाई ना भइल तs उनका तत्काल गिरफ्तारी के सामना करे के पड़ सकत बा।

आत्मसमर्पण खातिर दिहल जाये के चाहत रहे समय- न्यायमूर्ति ओका

एगो विशेष सुनवाई में, न्यायमूर्ति अभय एस ओका आ न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के पीठ सुनवाई के बाद कहलस कि सीतलवाड़ के अंतरिम संरक्षण देला पs हमनी के फैसला अगल-अलग बा। पीठ एगो बड़ पीठ के सोझा सुनवाई खातिर एह ममिला के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के लगे भेज देलस। हालांकि, एह ममिला में सुनवाई के सुरुआत में न्यायमूर्ति ओका कहलें कि सीतलवाड़ के आत्मसमर्पण करे खातिर कुछ समय दिहल जाये के चाहत रहे।

का बा पूरा ममिला?

मालूम होखे कि अहमदाबाद अपराध शाखा जून 2022 के तीस्‍ता सीतलवाड़ के दंगन के दौरान फर्जी शपथ पत्र आ झूठ गवाह बनाके कइयन निर्दोष लोगन के जेल भेजे के आरोप के चलते गिरफ्तार कइले रहे। पूर्व आईपीएस आर बी श्रीकुमार आ पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट के एह ममिला में सहआरोपी बनावल गइल रहे।

आरोपियन पs गुजरात सरकार के बदनाम करे, गुजरात के छवि खराब करे आ तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री के जेल भेजे के साजिश रचलो के आरोप बा। इनका खिलाफ भारतीय दंड संहिता के धारा 468 (कूट दस्‍तावेज तइयार करे, धोखाधडी) आ धारा 194 (झूठ गवाह बनाके कठोर सजा के साजिश रचे) के ममिला दर्ज बा।

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