दोपहर में धाम के यज्ञशाला में मंत्र के आहुति देहल जाई त दंडी स्वामियन खातिर भंडारो के आयोजन होई। काशी विद्वत परिषद अउर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के ओर से धाम के एक साल के यात्रा पर संगोष्ठी होई। साँझ के अनुराधा पौडवाल सांस्कृतिक प्रस्तुति दीहे।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण उत्सव के पहिला वर्षगांठ के स्मरणीय बनवलें में काशीवासियो पीछे नइखे। शिव बरात समिति के ओर से मंगर के मैदागिन से चितरंजन पार्क ले शोभायात्रा निकालल जाई। काशीपुराधिपति के उत्सव में लघु भारत के झलक देखे के मिली। पूरब, पश्चिम, उत्तर अउर दक्षिण भारत के समुदाय के सथही विदेशी मेहमानो शामिल होइहें। लाग विमान पर देव स्वरूप में सजल देव देवलोक के अहसास करइहें। उहवें भूत, पिशाच अउर राक्षसी वेशभूषा भगवान के गण के अहसास करइहें सब।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर 2021 के कइले रहनें लोकार्पण।
- 50 हजार वर्गमीटर में बनल 434 करोड़ रुपया के परियोजना के पहिला चरण में बन के तैयार धाम के कइलें समर्पित।
- लोकार्पण के बाद धाम के 33 भवन में से अभीनो 14 भवन के हो रहल बा संचालन।
- दूसरे चरण के काम खातिर 60 करोड़ रुपया के अतिरिक्त खर्च।
- 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालू लोग लगावल बाबा दरबार में हाजिरी।
- वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब ले बाबा विश्वनाथ के 27 करोड़ के चढ़ावा मिलल।
- लोकार्पण के बाद से अब ले इहां पर 40 करोड़ रुपया के चढ़ावा चढ़ल बा।
- 2018-19 के वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 26.65 करोड़ रुपया के चढ़ावा चढ़ल।
- गर्भगृह अउर बाहरी दीवार पर लागल बा 60 किलोग्राम सोना, 37 किलोग्राम गर्भगृह अउर 23 किलोग्राम सोना बाहरी दीवारन पर लागल।
नयका साल में मिली एह भवन के सुविधा
काशी विश्वनाथ धाम में नयका साल में टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, महाकालेश्वर भवन, अमृत भवन (जलपान केंद्र), मानसरोवर (कैफे बिल्डिंग), इंपोरियम, रामेश्वर भवन (सिटी म्यूजियम), सोमनाथ भवन (वाराणसी गैलरी), घृष्णेश्वर भवन (स्पिरिचुअल बुक स्टोर), व्यास भवन (वैदिक केंद्र ), भीमाशंकर अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) त्रयंबकेश्वर भवन (मल्टीपर्पज हॉल ) कार्तिकेय वाटिका (गोयनका छात्रावास), अमरनाथ संकुल (ब्लॉक 2), महाकालेश्वर भवन (टीएफसी), पशुपति संकुल (वैदिक शाप), कार्तिकेय संकुल (ब्लॉक 4) मल्लिकार्जुन भवन (यात्री सुविधा केंद्र ), कैलाश संकुल शॉप-2, अमरनाथ संकुल ब्लॉक-2 भवन जल्दिए शुरू हो जाई।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के 33 भवन में से 14 भवन के गतिविधि शुरू हो गइल बा । एहमें मोक्ष के कामना खातिर आवे वालन खातिर मुमुक्षु भवन, बाबा के प्रसाद खातिर अन्नपूर्णा भवन, सुरक्षा अउर प्रशासनिक व्यवस्था खातिर पिनाक अउर नीलकंठ पैवेलियन, विश्वनाथ द्वार (गोदौलिया गेट), शक्ति भवन, (यूटिलिटी भवन) शौचालय, गंगा दर्शनम (गंगा व्यूइंग गैलरी), ललिता घाट (ललिता पथ), जलासेन पथ (रैंप बिल्डिंग) केदार भवन, ओंकारेश्वर भवन (यात्री सुविधा केंद्र) शुरू हो चुकल बा। एकरे सथही शंकराचार्य चौक (मंदिर चौक) अउर भैरवनाथ द्वार (गंगा प्रवेश द्वार) भी शुरू हो चुकल बा।
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