बेतिया: चाउर से भला के परिचित ना होई। लोग रोज खाना में चाउर के इस्तेमाल जरूर करेला। अब हमनी के अइसन क्वालिटी के चावल के बारे में बता रहल बानी, जवन ठंडा पानियों में पाक जात बा। दावा कइल जा रहल बा कि चावल एतना फायदेमंद बा कि एकरा सेवन से कइयन गो बेमारी ठीक हो जात वा। ई चावल होत बा पश्चिम चंपारण के बेतिया में, जहां नरकटियागंज प्रखंड के एगो किसान कमलेश चौबे रंग बिरंगा धान के फसल तइयार करेलें। ओह फसल के बाद जवन चावल निकलेला, ओकरा के उबाले के जरूरत ना पड़ेला, ना ओकरा के गैस पs पकावे के। ई चाउर ठंडा पानी में पाक के तइयार हो जाला।
मुशहरवा गांव के रहे वाला किसान कमलेश चौबे धान के एह किस्मन के खेती जैविक तरीका से करेले। एमे कवनो प्रकार के कृत्रिम चीज ना मिलावल जाला। मैजिक चाउर अइसन बा जवना खातिर एकरा के उबाले के जरूरत ना पड़ेला। एकदम ठंडा पानी में चाउर के धोके डाली आ ओकरा बाद ऊ बनके तइयार हो जाई। करिया, लाल आ हरियर चाउर वजन घटावे में सक्षम बा। ई औषधीय गुण से भरपूर बा। चाउर के कीमत 200 से 250 रुपिया प्रति किलोग्राम तक बा। हाल में ओकर डिमांड बहुते बढ़ल बा।
साभार: नवभारत टाइम्स