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प्रो पाठक मामिला: पद रहल नाइ अउर महिला के बनावल गइल अंग्रेजी के प्रोफेसर, नियुक्तियन में मिलल धांधली के सबूत

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कमीशनखोरी में फंसल छत्रपति शाहूजी महाराज विवि कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक के मुश्किल अउर बढ़ सकsता। उनके द्वारा एकेटीयू में तैनाती के दौरान कइल गइल नियुक्तियन के शुरुआती जांच में भारी अनियमितता मिलल बा। संस्थान में अंग्रेजी के प्रोफेसर के पद न होखले के बाद भी एगो महिला के नियुक्ति के मामला भी प्रकाश में आइल बा।

एसटीएफ से जुड़ल सूत्र बतवलस कि एकेटीयू में सामान्य वर्ग के प्रोफेसर खातिर कुल 19 पद आरक्षित रहल। लेकिन प्रो. पाठक 29 के तैनाती दे दिहनें। एकरे अलावा कई अइसन पद पर भी तैनाती दिहल गइल बा जौन उहाँ रहबे नाइ कइनें। एह मामिला में भी प्रो. पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे के तैयारी चल रहल बा। एसटीएफ एकरे खातिर पर्याप्त साक्ष्य एकट्ठा क लेहले बानें। ओंने, एसटीएफ आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के रजिस्ट्रार के भी तलब कइले बानें। आशंका बा कि प्रो. पाठक जौन अनियमितता उहां पर कइले बानें, ऊ बिना रजिस्ट्रार के मिलीभगत से संभव नाइ रहल।

पाठक कहनें, चल रहल बा इलाज, एसटीएफ पुछलस कहवाँ

एसटीएफ के नोटिस के जवाब प्रो. पाठक ई-मेल से भेजले बानें। ऊ बतवले बानें कि उनकर तबीयत ठीक नाइ बा अउर इलाज चल रहल बा। पूछताछ खातिर 25 नवंबर के बाद के तिथि तय कइल जाई। एह पर एसटीएफ उनसे ई-मेल पर पुछले बानें कि आप के कौन बीमारी बा? इलाज कहां चल रहल बा? तीमारदारी के कs रहल बा? उनकर संपर्क नंबर बताईं ताकि आप के सुविधा के अनुसार संपर्क कs के आपसे पूछताछ कइल जा सके।

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